चौथम. इन दिनों चौथम प्रखंड का प्राथमिक विद्यालय अनुसूचित जाति टोला नवादा सुर्खियों में है. इस स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों का पठन पाठन बीते 9 दिसम्बर से ही ठप है. विभागीय अधिकारी चिट्ठी चिट्ठी खेलने में व्यस्त है. विभाग चिट्ठी जारी कर स्कूल को आज यहां ताे कल वहां शिफ्ट करने में मशगूल हैं. मालूम हो कि इस स्कूल को अपना भवन नहीं है. हाल यह है कि इस स्कूल को कभी ग्रामीणों द्वारा उपलब्ध जमीन पर तो कभी प्राथमिक विद्यालय पूर्वी टोला नवादा तो कभी मध्य विद्यालय नवादा में शिफ्ट के आदेश दिया जाता है. लेकिन वहां के अभिभावक अब बच्चों को कहीं भी नहीं भेज रहे हैं. स्कूल में छात्रों की हाजिरी भी नहीं बनती और न ही एमडीएम बन रहा है. इतना कुछ होने के बावजूद अब तक कोई भी पदाधिकारी द्वारा स्कूल का निरीक्षण नहीं किया गया है. दरअसल में यह स्कूल अनुसूचित जाति टोला में अवस्थित है. इस स्कूल को पूर्व मुखिया सुजय कुमार संजय के पिता द्वारा दान में तीन कट्ठा जमीन भी दिया गया है. बावजूद आज तक भवन का निर्माण किया जा रहा है. विभाग द्वारा निकाला जा रहा चिट्ठी पर चिट्ठी स्कूल में पढ़ाई सही से हो, इसकी जवाबदेही किसी के पास भले नहीं हो. लेकिन इन दिनों स्कूल में चिट्ठी चिट्ठी खेलने का खेल जारी है. मात्र 17 दिनों में तीन अलग अलग आदेश निकाला गया है. आदेश को पढ़कर हर कोई हैरान है. पहला चिट्ठी 27 नवम्बर को चौथम बीईओ द्वारा निकाला गया. पत्रांक 787 के माध्यम से बीईओ ने आदेश दिया था कि ग्रामीणों द्वारा उपलब्ध जमीन पर विद्यालय का संचालन किया जाए. इसके बाद फिर दो दिसम्बर को स्थापना कार्यक्रम पदाधिकारी के निर्देश पर इस स्कूल को प्राथमिक विद्यालय पूर्वी टोला नवादा में शिफ्ट के आदेश दिया गया. लेकिन प्राथमिक विद्यालय नवादा पूर्वी टोला के प्रभारी हेडमास्टर ने स्कूल में प्रवेश करने ही नहीं दिया. शिक्षक दिन भर बाहर में खड़ा रहा. इसी कारण अब प्रभारी हेडमास्टर पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए. अधिकारियों के आदेश नहीं मानने के कारण पूर्वी टोला नवादा के प्रभारी हेडमास्टर पर निलंबन की कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं. इसी बीच अब एक और चिट्ठी निकाली गई है. जिसमें डीईओ ने प्राथमिक विद्यालय अनुसूचित जाति टोला नवादा को मध्य विद्यालय नवादा में शिफ्ट के निर्देश दिए गए हैं. जिसमें कहा गया है कि जबतक स्कूल का अपना भवन नहीं बन जाता है तबतक विद्यालय मध्य विद्यालय नवादा में ही शिफ्ट रहेगा. अभिभावकों ने स्कूल भेजने से कर रहे हैं इंकार विभाग द्वारा लगातार अलग अलग चिट्ठी निकाले जाने से अभिअभावक नाराज हो गए हैं. शनिवार को काफी संख्या में अभिभावक स्कूल पहुंचे. साथ ही कहा कि अब स्कूल के बच्चों को पढ़ने दूसरे जगह नहीं भेजेंगे. कहा कि अधिकारी मनमानी कर रहे हैं. बच्चों को फुटबॉल की तरह कभी इधर तो कभी उधर भेजने का कार्य कर रहे हैं. अभिभावक देव नंदन पासवान, सुनील कुमार पासवान, भोला पासवान, रीता देवी, अकोला देवी, बिना देवी आदि ने बताया कि अधिकारी कभी स्कूल निरीक्षण करने नहीं आते हैं. लेकिन मनमाने तरीके से चिट्ठी निकालते रहते हैं. शनिवार को प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि चंदन सिंह, मुखिया शशि भूषण कुमार, एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष नितिन पटेल, सामाजिक कार्यकर्ता गणेश पटेल भी स्कूल पहुंचे। जनप्रतिनिधियों ने भी अधिकारियों के आदेश पर सवाल उठाया. कहा कि दलित बच्चों के साथ ये अन्याय है. इस तरह से आखिर कब तक बच्चों को इधर उधर भेजने को मजबूर होंगे. कहते हैं हेडमास्टर प्रभारी हेडमास्टर सपना कश्यप ने बताया कि वे अधिकारी के आदेश का पालन कर रहे हैं. जहां आदेश दिया गया है. वहां उपस्थित हो रहे हैं. लेकिन एक भी बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं. बीते नौ दिसम्बर से पठन पाठन और एमडीएम स्कूल में बंद है.
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