”नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस” लेने वाले चिकित्सकों को देना होगा शपथ-पत्र कोलकाता. स्वास्थ्य भवन ने सरकारी डॉक्टरों से शपथ-पत्र देने को कहा है. सरकारी अस्पतालों में काम करनेवाले डॉक्टरों काे बताना होगा कि जो लोग राज्य सरकार से ”नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस” ले रहे हैं, वे स्वास्थ्य साथी योजना के तहत निजी अस्पतालों में मरीजों का इलाज नहीं कर रहे हैं. स्वास्थ्य साथी योजना में गड़बड़ी रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह कदम उठाया गया है. इस संबंध में विभाग की ओर से एक अधिसूचना जारी की गयी है. सरकारी अस्पतालों में बाॅन्ड पोस्टिंग पर सीनियर रेजिडेंट सह अन्य वरिष्ठ चिकित्सकों को सरकार से नॉन-प्रैक्टिसिंग भत्ता मिलता है. नियमानुसार भत्ता लेनेवाले चिकित्सक निजी अस्पतालों में प्रैक्टिस नहीं कर सकते. अब ऐसे चिकित्सकों को एक शपथ-पत्र भी देना होगा कि वे सरकारी अस्पताल के अलावा किसी अन्य अस्पताल या नर्सिंग होम में प्रैक्टिस नहीं कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार पिछले कई महीने से स्वास्थ्य विभाग को शिकायतें मिल रही हैं. कुछ चिकित्सक उक्त नियम का उल्लंघन कर रहे हैं. ज्ञात हो कि आरजी कर आंदोलन के दौरान स्वास्थ्य साथी योजना के तहत इलाज करनेवाले 41 सीनियर रेसिडेंट डॉक्टरों पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. वहीं, स्वास्थ्य भवन की हालिया अधिसूचना के अनुसार, न केवल सीनियर रेजिडेंट (एसआर) बल्कि स्वास्थ्य साथी योजना के तहत निजी अस्पतालों में इलाज करने वाले सभी सरकारी डॉक्टरों को एक शपथ पत्र के माध्यम से सरकार को सूचित करना होगा अन्यथा जांच में पकड़े जाने पर स्वास्थ्य विभाग कड़ी कार्रवाई कर सकता है. सूत्रों के मुताबिक, राज्य में बॉन्ड पोस्टिंग पर काम करने वाले सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की संख्या करीब आठ हजार है. पहले ही लगभग 2,000 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टराें को शोकॉज भेजे जा चुके हैं. ऐसे चिकित्सकों से पूछा गया है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाये.
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