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प्रशासन अड़ा, टेंपो चालकों की हड़ताल जारी, आम लोग बेहाल

पलामू में पिछले पांच दिनों से टेंपो चालकों की बेमियादी हड़ताल चल रही है. अपनी मांगों को लेकर टेंपो चालक धरना-प्रदर्शन करने को विवश हैं.

मेदिनीनगर. पलामू में पिछले पांच दिनों से टेंपो चालकों की बेमियादी हड़ताल चल रही है. अपनी मांगों को लेकर टेंपो चालक धरना-प्रदर्शन करने को विवश हैं. शहर को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए चार सितंबर को नगर आयुक्त मोहम्मद जावेद हुसैन की अध्यक्षता में बैठक हुई थी. इसमें प्रशासनिक पदाधिकारी और ऑटो चालक संघ के लोग मौजूद थे. बैठक में शहर को जाम से मुक्त करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने के बाद प्रशासन ने नवंबर माह के अंतिम सप्ताह से नयी व्यवस्था लागू की. इसके अनुसार यातायात पुलिस ग्रामीण इलाकों से मेदिनीनगर आने वाले टेंपो के शहर में प्रवेश से रोक लगा दी गयी है. इधर शहरी क्षेत्र में चलने वाले टेंपो के परिचालन का रूट निर्धारित कर दिया गया. प्रशासन ने जब इसे कड़ाई से लागू किया, तो इसके विरोध में झारखंड ऑटो चालक महासंघ ने डीसी को ज्ञापन सौंपा और आंदोलन की चेतावनी दी. इसके बाद महासंघ के राकेश सिंह व रामाकांत दुबे के नेतृत्व में टेंपो चालकों ने 11 दिसंबर को मशाल जुलूस निकाला. 12 दिसंबर से सभी टेंपो चालक बेमियादी हड़ताल पर चले गये और विरोध प्रदर्शन करने लगे. इधर महासंघ के द्वारा कचहरी परिसर में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. चालकों के अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण ग्रामीण इलाकों से शहर में टेंपों का परिचालन बंद है. शहरी क्षेत्र में भी इक्का दुक्का टेंपो चल रहे हैं. टेंपो का परिचालन ठप रहने के कारण शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. स्थिति यह है कि लोग पैदल यात्रा करने को विवश हैं. टेंपो का परिचालन नहीं होने के कारण रेल एवं बस यात्रियों को भी परेशानी हो रही है. दिन हो या रात रेलवे स्टेशन से लोग पैदल यात्रा करते देखे गये. यही हाल ग्रामीण इलाकों का भी है. महिला, बच्चे व बुजुर्ग भी परेशान दिखे. लोगों का कहना है कि टेंपो का परिचालन होने से गंतव्य तक जाने में सुविधा होती थी.

बच्चा लेकर पैदल सफर मुश्किल भरा : विकास

पाटन थाना क्षेत्र के डीहरिया गांव के विकास भुइयां अपनी ससुराल चैनपुर के कंकारी से शहर आ रहा था. उसने बताया कि बच्ची व पत्नी को लेकर वह पैदल मेदिनीनगर आ रहा है. रास्ते में कही भी टेंपो या यात्री बस नहीं मिली. इसी तरह वृद्ध महिला आलमी खातून, सब्बा खातून मेदिनीनगर से चैनपुर के बंदुआ गांव पैदल जा रही थीं. उनके पास सामान और बच्चा भी था. आलमी खातून ने बताया कि वह बेटी का इलाज कराने हॉस्पिटल गयी थी. पैदल ही घर से शहर आयी थी और अब उसी तरह घर जाना पड़ रहा है. क्या करें अब पैदल चलने का उमर नहीं है, टेंपो चलता था, तो आने-जाने में सुविधा होती थी. लेकिन कुछ दिन से टेंपो नहीं चल रहा है, इस कारण परेशानी हो रही है. इसी तरह शिव प्रसाद महतो, विंदुल मिस्त्री, बैजनाथ पाल, जनेश्वर सिंह सहित कई लोगों ने अपनी पीड़ा बतायी. उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि टेंपो का परिचालन शुरू करायें, ताकि आवागमन में सुविधा हो सके.

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