वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरमानव तस्करी के बड़े रैकेट को पकड़ने में आरपीएफ की टीम सफल हुई है. मुजफ्फरपुर-बंगलुरू एक्सप्रेस (15228) से आरपीएफ ने 25 बच्चों को मुक्त कराते हुए पांच मानव तस्करों को गिरफ्तार किया.इनपुट के आधार पर आरपीएफ इंस्पेक्टर मनीष कुमार के नेतृत्व में अभियान चलाया गया. सुबह ट्रेन प्लेटफाॅर्म तीन पर खड़ी थी. निगरानी कर रही टीम ने कोच में डरे-सहमे बच्चों को देखकर पूछताछ की. इतने में मामला खुल गया. रिकॉर्ड के तहत मुक्त हुए 25 बच्चों में से तीन नेपाल के हैं. बच्चों ने बताया कि बंगलुरु, विजयवाड़ा, पेरंबूर में मजदूरी का काम कराने के लिए उन्हें ले जाया जा रहा था. बच्चों की निशानदेही पर सभी 5 मानव तस्कर को गिरफ्तार कर लिया है. जब्ती सूची व शिकायत दर्ज करने के साथ पांचों को आरपीएफ की ओर से जीआरपी को सौंपा गया. अभियान में आरपीएफ के महेंद्र कुमार, शिवनाथ, शंभूनाथ साह, रीतेश, लालबाबू खान, जीआरपी के वीरेंद्र कुमार, बचपन बचाओ आंदोलन के एपीओ जय वल्लभ मिश्र मौजूद थे. बच्चों ने बताया कि उन्हें 8 से 10 हजार रुपये दिये जाने की बात कह कर ले जाया जा रहा था. बता दें कि बीते दो महीने में मुजफ्फरपुर-बंगलुरु एक्सप्रेस से दूसरे राज्यों में दो बार एक दर्जन बच्चों को मुक्त कराया जा चुका है.
ये हैं गिरफ्तार तस्कर
– कमलेश कुमार ग्राम, राजखंड औराई, मुजफ्फरपुर– बजरंग कुमार ग्राम कंसार बेलसंड, सीतामढ़ी
– राहुल कुमार ग्राम अमनौर, औराई, मुजफ्फरपुर– छोटू कुमार ग्राम सुरयाही, गरहा, मुजफ्फरपुर
– शंभू चौधरी ग्राम पटखौलिया, मुफ्फसिल, पूर्वी चंपारणसीतामढ़ी व पूर्वी चंपारण के भी बच्चे मुक्त
मानव तस्करों से मुक्त हुए बच्चों में सबसे अधिक 13 बच्चे मुजफ्फरपुर जिले के हैं. जिसमें औराई, बोचहां व सिवाइपट्टी के रहने वाले हैं. वहीं चौंकाने वाली स्थिति यह है कि तीन बच्चे जिला समानपुर, नेपाल के रहने वाले हैं. छह बच्चे सीतामढ़ी व दो पूर्वी चंपारण के रहने वाले हैं. मानव तस्करों का जाल सीतामढ़ी के नजदीक नेपाल तक फैल गया है. जो बच्चों को मजदूरी कराने के लिए बहला-फुसला कर ले जाते हैं. पकड़े गये मानव तस्करों से रैकेट को लेकर पूछताछ की जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है