Bengaluru Suicide Case: बहुचर्चित इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आरोपित पत्नी निकिता सिंघानिया के चाचा सुशील सिंघानिया को राहत दी है. उन्हें सोमवार को अग्रिम जमानत दी गई. न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने यह आदेश अतुल सुसाइड मामले में निकिता सिंघानिया और अन्य आरोपियों की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद दिया. उनकी ओर से वरिष्ठ वकील मनीष तिवारी ने तर्क दिया कि मृतक की पत्नी, सास और साले को बेंगलुरु पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. अग्रिम जमानत अर्जी केवल सुशील सिंघानिया के लिए है.
किस शर्त पर निशा सिंघनिया के चाचा को मिली जमानत?
वकील की ओर से यह तर्क दिया गया कि कथित सुसाइड नोट और एक वीडियो के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी की गई. ये इंटरनेट पर वायरल हैं. चाचा मीडिया ट्रायल का सामना कर रहे हैं. उनकी बुढ़ापे और पुरानी बीमारी होने को लेकर तर्क दिया गया. उनके वकील ने कहा कि सुसाइड के लिए उकसाने का कोई सवाल ही नहीं उठता है. दोनों पक्षों के वकीलों को सुनने के बाद, कोर्ट ने कहा, ”तर्क पर विचार करते हुए, कोर्ट की राय है कि आवेदक सुशील सिंघानिया को, पूर्व-गिरफ्तारी (ट्रांजिट) अग्रिम जमानत का विशेषाधिकार है.” हाई कोर्ट ने सुशील सिंघानिया की अग्रिम जमानत सशर्त मंजूर करते हुए कहा कि यदि उनको गिरफ्तार किया जाता है, तो उन्हें 50 हजार रुपये के मुचलके और दो जमानतदारों के प्रस्तुत होने पर मजिस्ट्रेट/कोर्ट द्वारा संतुष्ट होने पर रिहा कर दिया जाएगा.
अतुल सुभाष सुसाइड केस की जांच जारी
अतुल सुभाष 9 दिसंबर को कर्नाटक के बेंगलुरु में अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे. उन्होंने 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा था. इसमें उन्होंने अपनी अलग रह रही पत्नी और उसके परिवार पर दहेज उत्पीड़न के लिए कानूनी मामलों के माध्यम से उत्पीड़न का आरोप लगाया था. उन्होंने 90 मिनट का एक वीडियो भी बनाया, जिसमें पूरी बात बताई. बेंगलुरु पुलिस ने आरोपी पत्नी, उसकी मां, भाई और चाचा के खिलाफ बीएनएस की कई धाराओं के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है.