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मध्य विद्यालय भेलु जहांगीरा में 6 शिक्षकों पर 316 विद्यार्थियों के पठन-पाठन की जिम्मेदारी

जमालपुर के मध्य विद्यालय भेलू जहांगीरा में 316 विद्यार्थियों के पठन-पाठन की जिम्मेदारी मात्र 6 शिक्षकों के कंधों पर है.

एक ही कमरा में होती है तीन-तीन कक्षाओं की पढ़ाई

जमालपुर. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान के लिए सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों में 40 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक की अनिवार्यता है, परंतु जमालपुर के मध्य विद्यालय भेलू जहांगीरा में 316 विद्यार्थियों के पठन-पाठन की जिम्मेदारी मात्र 6 शिक्षकों के कंधों पर है. हद तो यह है कि एक ही कमरा में तीन-तीन कक्षाओं की पढ़ाई होती है. जबकि विद्यालय में मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है.

विद्यालय में नामांकित हैं कुल 316 विद्यार्थी

मध्य विद्यालय भेलु जहांगीरा में नामांकित विद्यार्थियों की कुल संख्या 316 है. जिसमें सबसे अधिक 74 विद्यार्थी कक्षा 7 तथा सबसे कम 6 विद्यार्थी कक्षा एक में नामांकित हैं. वहीं कक्षा दो में 16, कक्षा 3 में 22, कक्षा 4 में 33, कक्षा 5 में 44, कक्षा 6 में 53, कक्षा 7 में 74 और कक्षा 8 में 68 विद्यार्थी नामांकित हैं. जबकि कुल शिक्षकों की संख्या प्रधानाध्यापक को छोड़कर 6 है. इनमें से कक्षा 1 से 5 के लिए तीन शिक्षक और कक्षा 6 से 8 के लिए भी तीन शिक्षक हैं. इन शिक्षकों में रंगराजन कुमार राजीव, रेणु कुमारी गुप्ता, निर्मला कुमारी, अर्चना कुमारी, कुणाल कुमार और चंदन कुमार शामिल हैं. इनमें रंगराजन कुमार राजीव, रेणु कुमारी गुप्ता और चंदन कुमार कक्षा 1 से 5 के लिए नियुक्त शिक्षक हैं. जबकि निर्मला कुमारी कक्षा 6 से 8 के विद्यार्थियों को अंग्रेजी पढ़ाती है. अर्चना कुमारी संस्कृत पढ़ाती है. वहीं कुणाल कुमार कक्षा 6 से कक्षा 8 के विद्यार्थियों को हिंदी विषय पढ़ाते हैं. इसके अतिरिक्त कक्षा 6 से 8 के विद्यार्थियों को गणित साइंस और सोशल साइंस जैसे विषयों के लिए शिक्षक नहीं है. प्रधानाध्यापक नवीन कुमार इन बच्चों को साइंस पढ़ाते हैं.

मूलभूत संसाधनों का भी है अभाव

विद्यालय में सात कमरे हैं. जिनमें से दो कमरे में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की गयी है. जबकि पांच कमरे में आठ कक्षाओं को संचालित किया जाता है. जिसके कारण एक ही क्लासरूम में दो या तीन क्लास के बच्चों को एक साथ बिठाकर शिक्षक पढ़ाते हैं. मंगलवार को भी इस विद्यालय में उपस्थित बच्चों की संख्या 154 थी. वहीं पिछले चार महीने से यहां की सफाई बंद कर दी गई है. बताया गया कि शिक्षा विभाग का वेंडर चंद्रदीप नाम का व्यक्ति है, जो पिछले चार महीने से गायब है. इसके कारण पैसे खर्च कर अलग से सफाई की व्यवस्था की जाती है.

कहते हैं प्रधानाध्यापक

प्रधानाध्यापक नवीन कुमार ने बताया कि विद्यालय में कुल नामांकित बच्चों की तुलना में शिक्षक नहीं है. जिसके कारण पठन-पाठन प्रभावित होता है. कार्यालय का कार्य छोड़कर उन्हें खुद भी क्लास लेना होता है. शिक्षकों की कमी के कारण बच्चे नियमित रूप से विद्यालय नहीं आते हैं. विद्यालय समिति का गठन किया गया है, परंतु विशेष लाभ नहीं मिल पा रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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