Bihar News
- – 2024 में अब तक 03 अरब 13 करोड़ रुपये का लहसुन चीन से आयात कर चुका है नेपाल
- – 2023 में 39 करोड़ 63 लाख रुपये का लहसुन हुआ था आयात
- – 2020-21 में तो सिर्फ 31 करोड़ 78 लाख रुपये का लहसुन ही चीन से आया था
मृगेंद्र मणि सिंह/ अररिया. चाइनीज सेब के बाद अब भारत में लहसुन की कमी के कारण नेपाल के रास्ते चीन से लहसुन की तस्करी तेजी से बढ़ रही है. अगर नेपाल भंसार कार्यालय के आंकड़ों की मानें तो वर्ष 2024 में करीब 02 अरब 73 करोड़ 37 लाख रुपये से ज्यादा के चाइनीज लहसुन का आयात नेपाल ने चीन से किया है. ऐसे में अगर यह लहसुन रात के अंधेरे में नेपाल से भारत में तस्करी किये जा रहे हैं, तो इसका सीधा नुकसान भारत को हो रहा है. भारत के सीमांचल ही नहीं, अंग क्षेत्र के जिलों में भी धड़ल्ले से इसकी बिक्री हो रही है. हालांकि इसकी गुणवत्ता और स्वाद भारतीय लहसुन की तरह नहीं है, फिर भी बाजार में उपलब्ध रहने के कारण इसे लोग खरीदने को मजबूर हैं.
नेपाल में चीनी लहसुन का आयात बढ़ा
नेपाल के भंसार कार्यालय के आंकड़े बताते हैं कि अक्तूबर 2024 तक नेपाल ने चीन से 3 अरब 13 करोड़ 71 लाख रुपये का लहसुन आयात किया है. पिछले साल इसी अवधि में सिर्फ 39 करोड़ 63 लाख रुपये का लहसुन आयात हुआ था. वित्तीय वर्ष 2020-21 में तो सिर्फ 31 करोड़ 78 लाख रुपये का लहसुन ही आयात हुआ था. इससे साफ है कि नेपाल में चीन से लहसुन का आयात अचानक बहुत बढ़ गया है, यह लहसुन भारतीय बाजारों में बेचने के लिए मंगाया जा रहा है.
एसएसबी की सख्ती के बावजूद तस्करी जारी
जोगबनी एसएसबी कैंप प्रभारी पशुपति कुमार सिंह ने बताया कि मुख्य नाका पर एसएसबी काफी सतर्क है. नेपाल से हर आने-जाने वाले लोगों की गहनता से जांच की जाती है. अगर सीमा से ऐसी गतिविधि होगी तो उस पर कार्रवाई की जायेगी.
52वीं वाहिनी एसएसबी कमांडेंट महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सीमा पार से तस्करी को रोकने की दिशा में एसएसबी जवान सक्रियता से लगे हुए हैं, लहसुन के तस्करों की तलाश कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. इस कार्य में एसएसबी के अलावा कस्टम व पुलिस का भी सहयोग मिले तो हम तस्करों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कर सकते हैं.
जोगबनी के सहायक आयुक्त कस्टम एके दास ने कहा कि एसएसबी के पास तंत्र व मानव बल पर्याप्त हैं. इसलिए सीमा की सुरक्षा के साथ वे तस्करी को भी रोकने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं, बावजूद जब भी वे कार्रवाई के लिए हमें सूचना देते हैं, तो हम उनका पूरा साथ देते हैं.