रामगढ़. आजसू पार्टी के वरीय उपाध्यक्ष व सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने संसद में झारखंड में बोली जाने वाली कुड़माली, कुडुख, मुंडारी, हो, खड़िया, खोरठा पंचपरगनिया व नागपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची व जनगणना कॉलम में शामिल करने की मांग की है. उन्होंने यह मांग शून्य काल में की. उन्होंने सदन में कहा कि झारखंड राज्य में पांच जनजातीय व चार क्षेत्रीय भाषाएं जैसे संताली, कुडुख, मुंडारी, हो, खड़िया, कुड़माली, खोरठा, पंचपरगनिया व नागपुरी लोगों द्वारा बोली जाती है. इसमें से सिर्फ संताली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया है. आठ अन्य जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा को शामिल नहीं किया गया है. उन्होंने पूछा कि किन कारणों से इन भाषाओं को छोड़ा गया है और भारतीय भाषा संस्थान का इस पर क्या शोध हुआ है. श्री चौधरी ने पूछा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत इन भाषाओं को बढ़ावा देने की क्या योजना है. कुड़माली भाषा झारखंड, बंगाल, असम राज्यों में लगभग तीन करोड़ कुड़मी व अन्य समुदाय द्वारा बोली जाती है. जनगणना के भाषा कॉलम में कुड़माली के स्थान पर कुड़माली थार को रखा गया है. कुड़माली को अन्य के रूप में रखा जा रहा है. कुड़माली भाषा झारखंड राज्य की द्वितीय राजभाषा के रूप में भी दर्ज है. कुड़माली भाषा झारखंड राज्य के पांच व पश्चिम बंगाल राज्य के दो विश्वविद्यालय सहित सात विश्वविद्यालय में पढ़ाई जाती है. बावजूद कुड़माली को आठवीं अनुसूची में व जनगणना कॉलम में शामिल नहीं करना अन्यायपूर्ण है.
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