चना की बुआई अतिशीघ्र करें किसान
चना की बुआई अतिशीघ्र सम्पन्न करने का प्रयास करें. चना के लिए उन्नत किस्म पूसा-256, केपीजी-59 (उदय), केडब्लूआर 108, पंत जी 186 एवं पूसा 372 अनुशंसित है. बीज को बेबीस्टीन 2.5 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें. 24 घंटा बाद उपचारित बीज को कजरा पिल्लू से बचाव के लिए क्लोरपाईरीफॉस 8 मिली प्रति किलोग्राम की दर से मिलायें. पुनः 4 से 5 घंटे छाया में रखने के बाद राईजोबीयम कल्चर (पांच पैकेट प्रति हेक्टेयर) से उपचारित कर बुआई करें.मक्का की फसल में करें निकौनी
अगात बोयी गयी मक्का की फसल में निकौनी एवं आवश्यकतानुसार सिंचाई करें. रबी मक्का की 50-55 दिनों की फसल में 5० किलोग्राम नत्रजन का उपरिवेशन कर मिट्टी चढ़ाने का कार्य करें. फसल में नियमित रूप से कीट एवं रोग-व्याथी की निगरानी करें. प्याज की करें रोपाई लहसुन की निकौनी प्याज के 50-55 दिनों के तैयार पौध की रोपाई करे. इसके लिए खेत को समतल कर छोटी-छोटी क्यारियों बनायें. क्यारियों का आकार, चौड़ाई 1.5 से 2.0 मीटर तथा लम्बाई सुविधानुसार 3-5 मीटर रखे. प्रत्येक दो क्यारियों के बीच जल निकासी के लिए नाले अवस्य बनायें. पाँक्ति से पॉक्ति की दूरी 15 सेमी, पौध से पौध की दूरी 10 सेमी पर रोपाई करे. लहसुन की फसल में निकाई-गुराई करें तथा कम अवधि के अन्तराल में नियमित रुप से सिंचाई करें. लहसुन की फसल में कीट-व्याधि की निगरानी करें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है