फतेहपुर. प्रखंड के बगोदर के पास स्थित ढाढ़र नदी में अवैध खनन को लेकर जेलही बिगहा गांव के लोगों ने संवेदक के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए बालू उठाव को बंद करा दिया. विरोध प्रदर्शन में अधिकतर महिलाएं शामिल थीं. उनके द्वारा सुबह से बालू घाट पर पहुंचकर बालू उठाव का विरोध किया गया. महिलाओं का कहना था कि संवेदक के द्वारा खनन विभाग के द्वारा सीमांकन किये गये क्षेत्र से आगे बढ़ कर उठाव कराया जा रहा है. इस दौरान जल जीवन हरियाली के तहत मनरेगा के द्वारा लगाये गये कई पौधे को उखाड़ दिया गया है. वहीं पेड़ों की सुरक्षा के लिए लगी घेराबंदी को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. महिलाओं ने बताया कि नियम के विपरीत बालू के उठाव के कारण नदी का क्षरण हो रहा है. जेलही बिगहा गांव के अस्तित्व पर संकट उत्पन्न हो गया है. प्रर्दशन कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिन पहले ही उठाव के कारण नदी में बने गड्ढे के कारण छह साल के बच्चे की डूबने से मौत हो गयी थी.
प्रर्दशन के कारण फंसे रहे कई वाहन
ग्रामीणों के प्रदर्शन के कारण बालू घाट के पास दो दर्जन वाहन बालू का उठाव नहीं कर सके. सुबह से नदी में वाहनों का काफिला फंसा रहा. वहीं घटना की सूचना पर फतेहपुर पुलिस दल बल के साथ मौके पर पहुंचकर प्रर्दशन कर रहे ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया. बुधवार को खनन विभाग के पदाधिकारी की मौजूदगी में फिर से खनन के लिए मापी करने की बात कही, उसके बाद प्रर्दशन कारी शांत हुए. वहीं संबंधित संवेदक को विवादित जमीन से समस्या के समाधान होने तक बालू नहीं उठाने की चेतावनी दी.
क्या कहते हैं मुंशीमुंशी प्रदीप सिंह ने बताया कि कंपनी के द्वारा खनन विभाग के द्वारा आवंटित क्षेत्र से ही बालू का उठाव कराया जा रहा है. वहीं मनरेगा विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा ही खनन क्षेत्र में नियम के विपरीत पौधे लगाये गये हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है