गोपालगंज. मणिपुर में गोपालगंज के दो युवकों की गोली मारकर हुई हत्या के बाद रजवाही गांव के लोग दहशत में हैं. काश! अपने घर में रोजगार मिलता, तो मणिपुर में जाकर काम करने की जरूरत नहीं पड़ती. घर का चूल्हा जले, इसके लिए बाॅर्डर वाले इलाके में जान की परवाह किये बगैर निर्माण कार्य में जुट जाते हैं. लोगों में चर्चा होने लगी कि अब कश्मीर की तरह मणिपुर भी खतरनाक हो गया है. वहां काम करने वाले मजदूर किसी तरह से घर लौट आये, यही परिजन चाह रहे हैं.
दाह-संस्कार के चलते हुए विलंब
तीसरे दिन सदर प्रखंड के राजवाही गांव में अन्य मजदूरों के मणिपुर से सकुशल लौटने का इंतजार होता रहा. मृतकों के साथी मजूदरों मंगलवार तक गांव पहुंचने वाले थे. लेकिन मृतकों के मणिपुर में ही दाह-संस्कार होने के कारण लेट हुआ. ग्रामीणाें ने बताया कि अन्य मजदूर मंगलवार को मणिपुर से चल दिये हैं. गुरुवार तक वे लोग गांव में पहुंच जायेंगे. उधर मणिपुर में गये 10 से 12 बिहारी मजदूरों ने वहां के पुलिस प्रशासन से सकुशल घर भेजने की अपील की है.
शनिवार को उग्रवादियों ने की थी हत्याशनिवार की शाम मणिपुर के काकचिंग जिले में गोपालगंज के दो श्रमिकों की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. दोनों श्रमिक सदर प्रखंड के रजवाही बिनटोली गांव के रहने वाले थे, जिसमें वीरेंद्र मुखिया का 18 वर्षीय पुत्र सोनलाल सहनी तथा मोहन सहनी का 17 वर्षीय पुत्र दशरथ सहनी शामिल था. दोनों वहां मजदूरी का काम करते थे. शनिवार की शाम चार साथी मजूदरों के साथ काम कर अपने रूम पर लौट रहे थे. इस दौरान काकाचिंग- वाबागई रोड पर अपराधियों को गोली मार दी. इससे मौके पर ही दोनों की मौत हो गयी.पीड़ित परिजनों से मिले श्रम विभाग के अफसर
डीएम प्रशांत कुमार सीएच के निर्देश पर श्रम अधीक्षक सुबोध कुमार तथा सदर के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार सिंह राजवाही गांव पहुंचे. वहां दोनों मृत मजूदरों के परिजनों से मुलाकात की तथा सरकार से मिलने वाले अनुदान की जानकारी देते हुए उसके लिए आवश्यक कागजात की मांग परिजनों से की. श्रम अधीक्षक ने मृत मजदूर दशरथ कुमार की मां राधा देवी तथा दूसरे मृतक लक्ष्मण कुमार की मां लीलावती देवी से मिलकर बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना की जानकारी दी. आवश्यक प्रपत्र भी उपलब्ध कराते हुए अनुरोध किया गया है कि योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए वांछित सभी कागजात को आरटीपीएस के माध्यम से यथाशीघ्र आवेदन कर दिया जाये, ताकि उन्हें दुर्घटना अनुदान राशि यथाशीघ्र प्रदान की जा सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है