Giridih News : सरस्वती शिशु विद्या मंदिर बरगंडा में मंगलवार को लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के त्रिशताब्दी समारोह पर मातृ सम्मेलन का आयोजन हुआ. उद्घाटन मुख्य अतिथि समिति सदस्या डॉ पुष्पा सिन्हा, प्रो विनीता कुमारी, डॉ आरती वर्मा एवं जिला परिषद अध्यक्षा मुनिया देवी ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर व पुष्प अर्पित कर किया. सम्मेलन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए सरिता कुमारी ने कहा कि विद्या भारती योजनानुसार हर वर्ष विद्यालय प्रबंधन की ओर से मातृ सम्मेलन कर बच्चों में नैतिकता और संस्कार देने के लिए मातृशक्ति को प्रेरित किया जाता है.
प्रधानाचार्य आनंद कमल ने कहा कि विद्या भारती का प्रयास छात्रों के माध्यम से एक संस्कारवान समाज देश को देना है. मौके पर डॉ पुष्पा सिन्हा कहा कि माताओं को प्रारंभकाल से ही अपने बच्चों की देखभाल के साथ-साथ संस्कारक्षम वातावरण देना चाहिए. नारी में मातृत्व का भाव होना चाहिए. अच्छे संस्कार ही बच्चों की दिशा तय करते हैं.राष्ट्र के धरोहर हैं बच्चे :
प्रो विनिता कुमारी ने कहा कि बच्चे राष्ट्र की धरोहर हैं. बच्चों को संस्कारी सिर्फ मातृशक्ति ही बना सकती है. विद्या भारती के विद्यालयों में संस्कारपक्ष मजबूत होता है. आवश्यकता है उसे और प्रेरित करने का. जिप अध्यक्ष मुनिया देवी ने कहा कि भैया बहनों के सर्वांगीण विकास के लिए माता की भूमिका अहम होती है. शिक्षा के साथ-साथ संस्कार का होना आवश्यक है. आरती वर्मा ने कहा कि प्रारंभकाल से ही बच्चों में अच्छी आदत डालने की प्रवृत्ति विकसित करें. सरस्वती शिशु विद्या मंदिर संस्कारपूर्ण वातावरण में शिक्षा देने का काम करती है, जो अन्यत्र कहीं नहीं मिलता. अर्जुन मिष्टकार ने लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला.भाव नृत्य से माताओं को किया भाव विभाेर :
इस अवसर पर बहनों ने ‘मां मेरी मां, ओ मेरी मां, लुका छुप्पी, ऐसा क्या है मां…’ पर भाव नृत्य प्रस्तुत कर उपस्थित माताओं को भाव विभोर कर दी. प्रोजेक्टर के माध्यम से उपस्थित माता को मोटिवेशनल वीडियो और विद्यालय की उपलब्धि से अवगत कराया गया. वहीं आरती थाल सज्जा प्रतियोगिता के साथ-साथ लजीज व्यंजनों का स्टॉल बहनों ने लगाया. सम्मेलन को सफल बनाने में समस्त आचार्य, दीदी की सराहनीय भूमिका रही.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है