Bihar: पूर्णिया से निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने भाजपा पर मुद्दों के राजनीतिकरण का आरोप लगाया. उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह लोग कब्रिस्तान, शमशान, ईद, बकरीद, जिन्ना और पाकिस्तान जैसे मुद्दों को लेकर राजनीतिक लाभ अर्जित करने का प्रयास कर रहे हैं. हर चुनाव के वक्त यह मुद्दे फिर से उठाए जाते हैं, ताकि लोगों के बीच नफरत फैलाई जा सके और एक विभाजन हो, ताकि वोट बैंक की राजनीति हो सके.”
BJP के नेता लोगों को लड़ाते हैं: पप्पू यादव
मीडिया से बात करते हुए सांसद पप्पू यादव ने कहा, “आप देखिए, जब बीजेपी के नेता हरियाणा जाते हैं तो जाट को, पंजाब जाते हैं तो सिख को, महाराष्ट्र जाते हैं तो मराठी को, यूपी और बिहार जाते हैं तो यादव को, इन सबको यह अपने हिसाब से ढालने की कोशिश करते हैं. हर राज्य में अलग-अलग मुद्दे खड़े किए जाते हैं, ताकि हर जगह धर्म और जाति के नाम पर चुनावी फायदे की राजनीति हो. यह जो काम है, यह किसी भी देश या समाज में स्थिरता नहीं ला सकता है, बल्कि यह समाज को और अधिक विभाजित करता है.”
हमारे नेताओं का ध्यान नफरत फैलाने पर है
अब आप यह सोचिए कि हमारे संविधान में, जो हमने एक देश के तौर पर एकता और विकास के लिए बनाया था, उसमें धर्म या जाति पर कोई बात नहीं है. अगर आप अमेरिका, जर्मनी, जापान जैसे देशों में जाएंगे तो वहां पर किसी भी धर्म पर विवाद नहीं होता. वहां विकास, शिक्षा, रोजगार पर चर्चा होती है. लेकिन, यहां पर हमारे नेताओं का ध्यान केवल धर्म, जाति और नफरत फैलाने पर है. ऐसे में हम कैसे आगे बढ़ सकते हैं?”
सरकार जाति जनगणना की बात क्यों नहीं करती
संसद भवन के बाहर पत्रकारों के सवालों के सवालों का जवाब देते हुए पप्पू यादव ने कहा कि आप देखिए, जब आप किसी के विकास की बात करते हैं तो आप जाति जनगणना की बात क्यों नहीं करते? आपको यह देखना चाहिए कि किस वर्ग को ज्यादा सुविधाएं चाहिए। किसानों का मुद्दा, बेरोजगारी का मुद्दा, यह सब छुपा दिया जाता है. चुनावी समय में सिर्फ ऐसे मुद्दे उठाए जाते हैं जो समाज में घृणा फैलाते हैं. असल मुद्दों पर कभी बात नहीं होती.” बीजेपी और अमित शाह की सरकार की जो नीतियां हैं, उन पर यह कहना चाहता हूं कि यह सिर्फ अपने राजनीतिक फायदे के लिए चल रही हैं.”
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