Patna News: पटना के चाणक्या नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी मासिक धर्म अवकाश नीति को मंजूरी दे दी है. चाणक्या नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के रजिस्टार एसपी सिंह ने इसे लेकर एक पत्र जारी किया है. मासिक धर्म अवकाश नीति को मिली मंजूरी के बाद अब छात्राएं हर महीने पढ़ाई के दौरान एक दिन के छुट्टी का दावा कर सकती है. चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की कार्यकारी परिषद की बैठक में मासिक धर्म अवकाश नीति को मंजूरी दे दी गई. बिहार में भी इस पॉलिसी को पहली बार किसी विश्वविद्यालय ने लागू किया है. जिससे विश्वविद्यालय के छात्राओं को लाभ होगा.
सीएनएलयू की छात्राओं को मासिक धर्म के दौरान मिलेगी छुट्टी
यूनिवर्सिटी ने विशेष रूप से छात्र-छात्राओं के सामने आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए, परिषद ने छात्र-छात्राओं को अपनी गति से पाठ्यक्रम पूरा करने की अनुमति देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी. अब विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं प्रति वर्ष आवश्यक पाठ्यक्रमों से अधिक का भी चयन करके पाठ्यक्रमों को तेजी से पूरा कर सकते हैं. कुलपति प्रोफेसर फैजान मुस्तफा ने मल्टीपल इंटेलिजेंस की आवश्यकता को पूरा करने के परिषद के निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि वह चाहते हैं कि उनके छात्र-छात्राएं अपने विश्वविद्यालय के अकादमिक जीवन का आनंद लें और किसी भी प्रकार के शैक्षणिक तनाव में न रहें. उन्होंने कहा कि भारी भरकम पाठ्यक्रम और शैक्षणिक तनाव के कारण बहुत से युवा छात्र-छात्राएं अपना बहुमूल्य जीवन समाप्त कर लेते हैं.
एजुकेशन से जुड़ी और खबरें पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें
इन प्रस्तावों को भी मिली मंजूरी
कार्यकारी परिषद ने साइबर सुरक्षा और डिजिटल फोरेंसिक में नए पाठ्यक्रमों को चालू करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी. इसके साथ ही पुलिस कर्मियों की मदद के लिए जल्द ही फोरेंसिक में कई प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे. अन्य प्रमुख निर्णयों में परिषद ने नए एलएलएम पाठ्यक्रम नियमावली को मंजूरी दी, जिसमें 50 प्रतिशत से अधिक अनुसंधान घटक होंगे. विश्वविद्यालय अपने फैकल्टी की भर्ती में प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से विदेशी डिग्री प्राप्त उम्मीदवारों को प्राथमिकता देगा. वैद्य नाथ यादव ने विश्वविद्यालय को अकादमिक उत्कृष्टता में सर्वश्रेष्ठ करने के लिए सरकार की ओर से हर संभव मदद का वादा किया. 17 दिसम्बर को सम्पन्न हुई इस बैठक में पूर्व शिक्षा मंत्री वर्तमान महाधिवक्ता पीके शाही, बिहार सरकार शिक्षा विभाग सचिव वैद्य नाथ यादव, विधि सचिव अंजनी कुमार सिंह, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय जबलपुर कुलपति प्रो डॉ मनोज कुमार सिन्हा, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय प्रोफेसर डॉ अली मेहंदी, वरिष्ठ अधिवक्ता रमाकांत शर्मा, और अध्यक्ष बिहार राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष उपस्थित थे.
Also Read: BPSC Exam: बीपीएसी परीक्षा को रद्द कराने की मांग पर अड़े छात्र, पटना में फिर से जोरदार प्रदर्शन