रांची (वरीय संवाददाता). राज्य में सिकल सेल एनीमिया के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इस बीमारी के उन्मूलन के लिए सभी प्रमंडलों में विशेष कार्यक्रम चलाये जायेंगे. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के ब्लड सेल के राज्य नोडल पदाधिकारी ने सभी जिलों के सिविल सर्जन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी व जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी को पत्र लिखा गया है.
रांची, खूंटी, गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा जिले के रक्त अधिकोष कार्यक्रम से जुड़े नोडल पदाधिकारियों को वर्चुअल तरीके से सिकल सेल एनीमिया डिजीज मैनेजमेंट के बारे में प्रशिक्षण दिया जायेगा. बुधवार से इसकी शुरुआत हो चुकी है. साथ ही आकस्मिक सेवा में लगे चिकित्सकों को छोड़ कर सभी चिकित्साकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रमंडलवार वर्चुअल प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसमें डीपीएमयू कॉर्डिनेटर, सीएचओ, एएनएम, एलटी, एमपीडब्ल्यू व काउंसलर्स ट्रेंड होकर बीमारी उन्मूलन का काम कर सकेंगे. आपको बता दें कि भारत में 2047 तक पूरी तरह से बीमारी के उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है.गुजरात की तर्ज पर झारखंड में सिकल सेल उन्मूलन का लक्ष्य
देश में 2011 की जनगणना के अनुसार 8.6% जनजातीय आबादी है. इनमें कई परिवारों के बीच हीमोग्लोबिनोपैथी थैलेसीमिया और सिकल सेल रोगों की अधिकता है. गुजरात में अनुवांशिक वाहकों के बीच जेनेटिक काउंसलिंग कार्ड के जरिये बेहतर जागरूकता और स्क्रीनिंग के बल पर सिकल सेल बीमारी को काफी हद तक आगे बढ़ने से रोक दिया गया है. इस काम में गुजरात स्टेट हेल्थ सोसाइटी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च इन ट्राइबल हेल्थ इसमें सहयोग कर रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है