अब पंचायत तक मौसम की सही स्थिति बताने की व्यवस्था की जायेगी
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य के महत्वपूर्ण शहरों में मौसम विज्ञान केंद्र स्थापित किये जायेंगे. जनता को इससे मौसम की सटीक जानकारी मिल सकेगी. बुधवार को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) की सेवाओं के 150 वर्ष पूरे होने पर आयोजित बैठक में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अभी बिहार में केवल पांच पटना, गया, भागलपुर, पूर्णिया, और वाल्मीकिनगर में मौसम विज्ञान केंद्र कार्यरत हैं. राज्य सरकार इनकी संख्या बढ़ाने और अन्य शहरों में नयी सतहीय वेधशाला सह मौसम विज्ञान केंद्र स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि मौसम विज्ञान केंद्रों की संख्या बढने से न केवल राज्य में मौसम की भविष्यवाणी को और अधिक सटीक बनाया जा सकेगा, बल्कि नये रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे. राज्य में इन प्रयासों से मौसम विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति होगी और जनता को बेहतर सेवायें प्रदान की जा सकेंगी.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में अगले दो वर्षों के लिए दो हजार करोड़ रुपये के खर्च के साथ मिशन मौसम को स्वीकृति प्रदान की है. उन्होंने कहा कि पिछले 15 साल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने मौसम पूर्वानुमान की सूचना देने के लिए कमांड सिस्टम बनाने और मौसम विज्ञान केंद्र स्थापित करने की दिशा में कई काम किये हैं.2008 में जब नेपाल के रास्ते दो लाख क्यूसेक पानी बिहार की कोसी तथा सहायक नदियों में आया था,तब हम बाढ की तबाही से पूरा मिथिला डूब गया था. लेकिन, 2024 में 6.5 लाख क्यूसिक पानी आने पर भी हम ध्वस्त नहीं हुए, यह मौसम विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग के साझा प्रयास से संभव हुआ.श्री चौधरी ने कहा राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन, खनन, स्वास्थ्य, नगर विकास , सिंचाई और कृषि सहित 10-12 विभाग मौसम संबंधी आंकड़ों और पूर्वानुमानों का उपयोग करते हैं.
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