: फायर टावर से अंग्रेज सैनिक आवागमन में अपनी दिशा का करते थे निर्धारणउमाकांत शर्मा
कटकमसांडी. नववर्ष पर कटकमसांडी और कटकमदाग प्रखंड में काफी संख्या में लोग पिकनिक मनाने पहुंचते हैं. क्योंकि दोनों प्रखंडों में कई ऐसे पिकनिक स्पॉट हैं, जो सैनानियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. हजारीबाग के कटकमसांडी और चतरा के गिद्धौर प्रखंड के बार्डर पर स्थित बलबल गर्म पानी का कुंड, बंजिया स्थित फॉयर टावर (मस्तूल) राजडेरवा (हजारीबाग वन प्राणी आश्रयणी), पिपराही स्थित वाच टावर, हरहद स्थित फॉरेस्ट आइबी, छड़वा डैम, बागेश्वरी मंदिर, शनिदेव मंदिर, गोंदा डैम, महाने नदी आदि जगहों पर युवा दिसंबर माह में नववर्ष तक जश्न मनाने के लिए पहुंचते हैं. कटकमसांडी प्रखंड की सीमा पर स्थित द्वारी गांव में बलबल के गर्म पानी का कुंड विख्यात पिकनिक स्पॉटों में प्रमुख है. यहां पानी के दो कुंड हैं. कुंड के बगल में मां बागेश्वरी का विशाल मंदिर है. इस मंदिर में बौद्ध कालीन मूर्तियां स्थापित हैं, जहां श्रद्धालु भगवती की पूजा आराधना करते हैं.फायर टावर : प्रखंड की बाझा पंचायत अंतर्गत बंजिया गांव में फायर टावर (मस्तूल) लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. फायर टावर का निर्माण अंग्रेजों ने कराया था. पहाड़ की चोटी पर बने इस टावर का अंग्रेज सैनिक आवागमन में अपनी दिशा का निर्धारण करने के लिए उपयोग करते थे.
छड़वा डैम : हजारीबाग शहर से लगभग सात किमी की दूरी पर हजारीबाग-चतरा मार्ग स्थित प्रसिद्ध ऐतिहासिक छड़वा डैम प्रखंड के प्रमुख पिकनिक स्पॉट में से एक है. यह डैम 500 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला है. इस डैम में पिकनिक मनाने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. डैम का निर्माण 1952 में डीवीसी ने कराया है.वॉच टावर : बाझा पंचायत की उरीदिरी गांव में अंग्रेजों के जमाने में वॉच टावर बनाया गया था. जंगलों के बीच बना यह वॉच टावर सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है. वॉच टावर के बगल में बहने वाली पिपराही नदी की कलकल धारा मन को मोहित कर देती है. इसी गांव में पांच हजार वर्ष पुराना मेगालिथ का भी समूह है, जो ऐतेहासिक धरोहर है.महाने नदी- कटकमसांडी और सिमरिया प्रखंड को अलग करने वाली महाने नदी अपनी मनोरम वादियों तथा खूबसूरत पत्थरों के समूह लोगों को आकर्षित करता है. नदी के दोनों किनारों पर हरे भरे पेड़ मन को सुकून देते हैं.हजारीबाग वन आश्रयणी क्षेत्र : Bप्रखंड में प्रमुख पिकनिक स्पॉटों में हजारीबाग नेशनल पार्क वन्य आश्रयणी क्षेत्र भी प्रमुख है. यह पिकनिक स्पॉट के लिए काफी प्रसिद्ध है. जंगली पशु-पक्षियों का दर्शन सैलानी इस जगह पर आकर कर सकते हैं. यहां जाने के लिए कटकमसांडी बहिमर गेट की ओर से प्रवेश द्वार बनाया गया है.
हरहद स्थित फॉरेस्ट आईबी : कटकमसांडी-हजारीबाग मार्ग के किनारे बसे हरहद गांव से महज 300 मीटर की दूरी पर फॉरेस्ट आइबी बना हुआ है. यह आइबी पहाड़ की चोटी पर अवस्थित है. इसके ठीक नीचे एक झरना बहता है, जिसे हदहदवा झरना के नाम से जाना जाता है.रॉक गार्डन : प्रखंड मुख्यालय कटकमसांड़ी में स्थित रॉक गार्डन फोटोग्राफी एवं पिकनिक के लिए बेहतर है. यहां पत्थरों का समूह तथा पहाड़ी काफी मनोरम और फोटोग्राफी के लिए बेहतर है. इस पहाड़ी में भी आदि मानव के समय बने गुफा एवं पत्थरों पर बने उनके चिह्न देखे जा सकते हैं.
गोंदा डैम : वर्ष 1954 मे निर्मित गोंदा डैम के किनारे स्थित नर्सरी सैनानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु है. डैम के बगल में बानादाग पहाड़ी पर स्थित गौरीशंकर धाम मंदिर भी लोगों को काफी आकर्षित करता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है