संवाददाता, पटना बिहार सरकार के योजना और विकास विभाग के अधिकारियों के लिए गुरुवार को सीआइएमपी में तीन दिवसीय आवासीय अनुसंधान पद्धति पर क्षमता विकास कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य जिला योजना अधिकारी, क्षेत्रीय योजना अधिकारी, सहायक निदेशक और सहायक योजना अधिकारी जैसे प्रतिभागी अधिकारियों की अनुसंधान कौशल को उन्नत करना है. ये अधिकारी बिहार के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए रणनीतियों की योजना और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यह कार्यक्रम सीआइएमपी के विशिष्ट संकाय द्वारा संचालित सत्रों के माध्यम से आयोजित किया जा रहा है. तीन दिनों में प्रतिभागी अनुसंधान डिजाइन, सैंपलिंग विधियों, मापन संरचनाओं, केस रिसर्च, और अनुसंधान नैतिकता जैसे महत्वपूर्ण विषयों का अध्ययन करेंगे. सत्रों को वास्तविक जीवन की केस स्टडी, सामूहिक गतिविधियों और इंटरएक्टिव चर्चाओं के साथ-साथ औपचारिक व्याख्यानों को शामिल करते हुए अत्यधिक संवादात्मक बनाया गया है. प्रो डॉ राणा सिंह ने विकासात्मक चुनौतियों से निबटने में साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण की भूमिका और सूचित, डेटा-आधारित निर्णय लेने के लिए उन्नत अनुसंधान पद्धतियों के महत्व को बताया.
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