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Deoghar News : 12 माह में पॉक्सो एक्ट के 65 मामलों में आया फैसला, 12 केस में हुई सजा – A

पॉक्सो एक्ट स्पेशल कोर्ट से विगत 12 माह में यानी जनवरी 2024 से दिसंबर 2024 तक कुल 65 मामलों में फैसला आया. विशेष अदालत द्वारा मामलों का स्पीडी ट्रायल हुआ और नाबालिग बालिकाओं को त्वरित न्याय मिला. इसमें से 12 मामलों में पॉक्सो एक्ट के दोषियों को कठोर सजा दी गयी एवं आर्थिक दंड भी लगाया गया.

विधि संवाददाता, देवघर : पॉक्सो एक्ट स्पेशल कोर्ट से विगत 12 माह में यानी जनवरी 2024 से दिसंबर 2024 तक कुल 65 मामलों में फैसला आया. विशेष अदालत द्वारा मामलों का स्पीडी ट्रायल हुआ और नाबालिग बालिकाओं को त्वरित न्याय मिला. इसमें से 12 मामलों में पॉक्सो एक्ट के दोषियों को कठोर सजा दी गयी एवं आर्थिक दंड भी लगाया गया. शेष मुकदमों के आरोपियों को सबूत के अभाव में रिहा कर दिया गया. इसे प्रतिमाह देखा जाये तो हर माह पांच से अधिक मुकदमों में फैसले आ रहे हैं. आरोपों से मुक्त होने वाले अधिकांश मुकदमों में घटना के संदर्भ में किसी ने गवाही नहीं दी. किसी केस में अगर गवाह आया, तो घटना के बारे में बोलने से इनकार कर दिया. इसके चलते केस में नामित आरोपियों को राहत मिल गयी और अदालत ने रिहा कर दिया. निष्पादित मामलों में वर्ष 2024 के अलावा पुराने मामले भी शामिल हैं. अगर विगत दो वर्ष के आंकड़ों पर गौर किया जाये, तो सिर्फ 2023 व 2024 को विभिन्न थाना क्षेत्रों में जो मामले दर्ज किये गये, उसका ग्राफ 58 तक पहुंच गया. इसमें से 30 मामलों का ट्रायल चल रहा है तथा 18 केस निष्पादित हुए हैं. निष्पादित हुए मामलों में नगर थाना देवघर के अलावा रिखिया, सारवां, साइबर थाना देवघर, कुंडा, रिखिया, पालोजोरी, मधुपुर, पाथरौल, मारगोमुंडा, सोनारायठाढ़ी, सारठ, करौं आदि थाना क्षेत्र के मामले शामिल हैं.

मामलों की सुनवाई के लिए बना है विशेष न्यायालय

बालिकाओं एवं बालकों पर हुए यौन अपराध संबंधी मामलों की सुनवाई के लिए सिविल कोर्ट परिसर में स्पेशल कोर्ट बना हुआ है. वर्तमान में एडीजे तीन सह विशेष न्यायाधीश पॉक्सो केस के राजेंद्र कुमार सिन्हा हैं. मामलों का स्पीडी ट्रायल हो रहा है और फैसले भी आ रहे हैं. विशेष अदालत में जिले के सभी थाना क्षेत्रों में दर्ज हुए पॉक्सो एक्ट के मामलों की सुनवाई किये जाने का प्रावधान है. मुकदमों की सुनवाई में सरकार की ओर से पक्ष रखने के लिए विशेष लोक अभियोजक नियुक्त है, जो सरकार की ओर से पक्ष रखते हैं. पॉक्सो एक्ट की पीड़िता के लिए मुआवजा राशि मुहैया का भी प्रावधान है, जो सरकार की ओर से दी जाती है, ताकि पीड़िता पुनर्वासन कर सके और समाज में बेहतर ढंग से रह सके. वैसे तो आंकड़ों के अनुसार जिस गति से मामलों का निष्पादन हो रहा है, उससे अधिक गति से पॉक्सो का केस भी दर्ज हो रहे हैं.

केस स्टडी -एक

पॉक्सो केस में बनाये गये आरोपी संजय मिर्धा को विशेष न्यायालय में दोषी करार दिया गया. साथ ही इसे 14 वर्ष की कठोर सजा सुनायी गयी. सजायाफ्ता सारवां थाना के असुरबंधा गांव का रहने वाला है. विशेष अदालत ने नाबालिग का अपहरण कर ले जाने एवं दुष्कर्म करने का दोषी ठहराते हुए सजा सुनायी एवं 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर अलग से एक साल की कैद की सजा काटनी होगी. मालूम हो कि सारवां थाना के एक गांव की रहने वाली नाबालिग लड़की के साथ अभियुक्त ने उक्त घटना को अंजाम तीन साल पहले दिया था. पीड़िता को तीन साल के बाद न्याय मिला.

केस स्टडी-दो

एडीजे तीन सह पॉक्सो एक्ट स्पेशल कोर्ट द्वारा पॉक्सो केस सरकार बनाम प्रिंस कुमार की सुनवाई पूरी की गयी. पश्चात आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए रिहा कर दिया गया. आरोपी रिखिया थाना के ठाढ़ी गांव का रहने वाला है. इसके विरुद्ध एक नाबालिग को बहला कर ले जाने एवं शादी की नीयत से माथे में सिंदुर डालने का आरोप लगाया गया था. मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से महज दाे गवाही दी गयी, लेकिन घटना का पूर्ण रूप से समर्थन नहीं किया. अदालत ने आरोपी को आरोपों से मुक्त कर दिया.

हाइलाइट्स

– हर माह पांच से अधिक मामलों का हो रहा है निष्पादन

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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