बक्सर
. शहर के सती घाट स्थित आश्रम के संस्थापक लाल बाबा के 18वें निर्वाण तिथि पर चल रहे श्रीराम कथा के दूसरे दिन गुरुवार को श्रीराम कथा की महिमा एवं शिव-सती प्रसंग की चर्चा की गयी. कथा में व्यास पीठ से बोलते हुए जगतगुरु रामानुजाचार्य गोविन्दाचार्य आचार्य गुप्तेश्वर जी महाराज ने कहा कि जहां प्रभु श्रीराम की कथा होती है, वहां किसी न किसी रूप में श्री हनुमान जी अवश्य विराजमान रहते हैं.हनुमान जी प्रभु श्रीराम के थे परम भक्त
श्री हनुमान जी को प्रभु श्रीराम का परम भक्त व सेवक बताते हुए उन्होंने कहा कि श्री हनुमान जी को श्रीराम कथा बहुत प्रिय है. लिहाजा कथा श्रवण करने से हनुमान जी की भी कृपा प्राप्त होती है. शिव व सती के प्रसंग का उल्लेख करते हुए महाराज श्री ने कहा कि विश्वास हर रिश्ते की मूल होती है. जब पति-पत्नि एक दूसरे पर भरोसा नहीं करते हैं तो वैवाहिक जीवन में कलह व अशांति होती है.ऐसे में पति-पत्नि को अपने मर्यादा व धर्म का पालन करते हुए एक दूसरे की बातों का आदर करना चाहिए. श्रीरामचरित मानस के बालकांड के प्रसंग का हवाला देते हुए महाराज श्री ने कहा कि शिव व सती के बीच भरोसे की कमी के कारण ही सती को दक्ष प्रजापति के यज्ञ में भस्मीभूत होना पड़ा था. इस मौके पर आश्रम के महंत श्री सुरेन्द्र जी महाराज के अलावा कथा व्यास चिंताहरण जी, आजाद सिंह राठौर, बबलू तिवारी, नीरज सिंह, गणेश उपाध्याय, मनोज वर्मा, पुना बाबा, लल्लू वर्मा, रंजीत राय, राकेश वर्मा, रतन शर्मा ,ललन शर्मा,राजू वर्मा,छोटू उपाध्याय, जिउत साधु, शशिभूषण पांडे, मनोज वर्मा, बिमलेंद्र पांडे, अनिरुद्ध तिवारी,सुरेन्द्र वर्मा, रणधीर श्रीवास्तव व जोधा यादव आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है