चाईबासा.कोल्हान विश्वविद्यालय की एनएसएस इकाई व पीजी विभाग ने संयुक्त रूप से को-टीआरएल विभाग के सभागार में नशामुक्त भारत अभियान विषय पर सेमीनार आयोजित किया. जिसमें केयू के एनएसएस कॉर्डिनेटर दारा सिंह गुप्ता ने कहा कि नशीली दवाओं का उपयोग वैश्विक स्तर पर फैल चुका है. नशीली दवाओं की लत से पीड़ित व्यक्ति को पारिवारिक व सामाजिक अलगाव के साथ-साथ उपेक्षा का भी सामना करना पड़ता है. ऐसे व्यक्ति का जीवन बहुत ही दयनीय हो जाता है. नशीली दवाओं के उपयोग, उपचार, हस्तक्षेप के महत्व आदि को जागरूकता के रूप में प्रसारित करना होगा.
28.40 करोड़ लोग नशीले पदार्थों का उपयोग कर रहे : डॉ मन्मथ
वहीं, केयू के खेल पदाधिकारी डॉ मन्मथ नारायण सिंह ने कहा कि यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम की एक रिपोर्ट के अनुसार 15 से 64 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 28.40 करोड़ लोग नशीले पदार्थों का उपयोग कर रहे हैं. मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर डाॅ धर्मेन्द्र रजक ने कहा कि एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार 10 से 17 वर्ष आयु वर्ग के किशोर व युवाओं में शराब, भांग, गांजा, अफीम, कोकीन इन्हेलेंट व उत्तेजक दवाइयों का उपयोग किया जा रहा है. टीआरएल विभाग के प्रोफेसर बसंत कुमार चाकी ने कहा कि नशामुक्ति के लिए समाज में जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को इससे बचने का संदेश दिया जाना चाहिए. मौके पर प्रो सुभाष कुमार महतो सहित विभिन्न विभागों से आये छात्र-छात्राएं मौजूद रहीं.
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