कटिहार. जीरो टॉलरेंस नीति का कड़ाई से पालन करने को लेकर कृषि विभाग सख्त नजर आ रहा है. जिला कृषि पदाधिकारी कार्यालय का घेराव व किसानों की शिकायत पर विभाग हरकत में आया है. ऐसा विभागीय पदाधिकारियों का मानना है. 18 दिसंबर को जिला कृषि पदाधिकारी मिथिलेश कुमार ने सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं सभी कृषि समन्वयक को एक पत्र जारी कर इसे हर हाल में अमलीजामा पहनाने का निर्देश दिया है. प्रखंडवार उर्वरक प्रतिष्ठानों को कृषि समन्वयकों को निगरानी का भार दिया है. साथ ही जारी पत्र में आदेश दिया है कि तय मूल्य से अधिक दामों में उर्वरक बेचे जाने की स्थिति में प्रखंड कृषि पदाधिकारी जिम्मेवार होंगे. जारी पत्र में बताया गया है कि रबी मौसम में मक्का की खेती जिले में वृहत पैमाने पर की जाती है. जिस वजह से उर्वरक यूरिया, डीएपी की खपत अधिक मात्रा में होती है. ऐसे में प्रखंडों से किसानों द्वारा दूरभाष पर एवं लिखित के माध्यम से उन्हें सूचना दी जा रही है कि सभी प्रखंडों में यूरिया एवं डीएपी निर्धारित मूल्य से काफी अधिक मूल्य पर बेचा जा रहा है. इससे प्रतीत होता है कि प्रखंड एवं पंचायतों में बीएओ व कृषि समन्वयकों द्वारा प्रखंड एवं पंचायताें में उर्वरक प्रतिष्ठानों का नियमित जांच नहीं की जा रही है. जिससे सरकार के जीरो टॉलरेंस नीति का अक्षरश: अनुपालन नहीं हो पा रहा है. सभी उर्वरक निरीक्षकों द्वरा अपने अधीनस्थ प्रखंड एवं पंचायताें में उर्वरकाें से मूल्य परिचालन, भंडारण एवं कालाबाजारी नियंत्रण किया जाना है. अपने प्रखंड एवं पंचायतों में उर्वरकों के मूल्य पर नियंत्रण रखने की जिम्मेवारी कृषि समन्वयकों को उनके क्षेत्र में निर्धारित मूल्य पर उर्वरक की बिक्री हुई है का घोषणा पत्र लिया जायेगा. किसी भी प्रखंड में उर्वरक की कालाबाजारी या जमाखोरी की शिकायत प्राप्त होती है तो उसके लिए प्रखंड कृषि पदाधिकारी को पूर्णत: जिम्मेदार मानते हुए कठोर कार्रवाई की जायेगी.
प्रतिष्ठान में उपलब्ध भंडार व उर्वरक का मूल्य करेंगे प्रदर्शित
जिला कृषि पदाधिकारी मिथिलेश कुमार ने बताया कि प्रखंड एवं पंचायतों में उर्वरक प्रतिष्ठानों पर निगरानी रखते हुए उर्वरक के निर्धारित मूल्य पर किसानों को उर्वरक उपलब्ध कराना है. अगर किसी भी प्रखंड, पंचायत से अधिक मूल्य पर बिक्री की सूचना प्राप्त होती है तो संबंधित प्रखंड कृषि पदाधिकारी, संबंधित कृषि समन्वयक एवं उक्त प्रतिष्ठान के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी. साथ ही सभी प्रतिष्ठानों पर नियमित रूप से छापेमारी करते हुए भौतिक रूप से गोदाम में रखे उर्वरक का सत्यापन पीओएस मशीन से करेंगे. फ़लैक्स बैनर, भंडार एवं मूल्य तालिका लगाकर प्रतिष्ठान में उपलब्ध भंडार एवं उर्वरक का मूल्य प्रदर्शित कराना सुनिश्चित करेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है