नवगछिया आदर्श थाना परिसर में अनुसंधान में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से विशेष प्रशिक्षण हुआ. संचालन वैज्ञानिक सहायक सुषमा सौरव ने किया. प्रशिक्षण में एससी/एसअी, महिला व नवगछिया थाना के सभी पदाधिकारियों ने भाग लिया. प्रशिक्षण अपराध अनुसंधान को वैज्ञानिक पद्धति से जोड़ते हुए घटनास्थल से सटीक साक्ष्य जुटाने और उन्हें विश्लेषण के लिए संरक्षित करने पर केंद्रित था. प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को घटनास्थल पर प्रदर्श/साक्ष्य संकलन, ब्लड सैंपल लेने की प्रक्रिया, रेप कांडों में संवेदनशील तरीके से साक्ष्य एकत्रित करने, प्रदर्श को एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) को अग्रसारित करने जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी गयी. वैज्ञानिक दृष्टिकोण का लाभ वैज्ञानिक सहायक सुषमा सौरव ने बताया कि किसी भी मामले में साक्ष्य का सही संकलन और उनकी सुरक्षा न्याय प्रणाली की नींव होती है. प्रदर्शों को वैज्ञानिक तरीके से संरक्षित करने से न्यायालय में अपराधियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया को मजबूत की जा सकती है. उन्होंने इस दौरान कई व्यावहारिक उदाहरण और केस स्टडी साझा की, जो प्रतिभागियों के लिए बेहद उपयोगी साबित हुई. महिला अधिकारियों की भूमिका पर विशेष ध्यान रेप जैसे संवेदनशील मामलों में साक्ष्य संकलन की प्रक्रिया को लेकर महिला अधिकारियों को विशेष निर्देश दिया. यह सुनिश्चित किया गया कि ऐसे मामलों में पीड़िता की गोपनीयता और संवेदनशीलता का पूरा ध्यान रखा जाए. पुलिस बल को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम प्रशिक्षण अपराध अनुसंधान को अधिक प्रभावी व सटीक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. नवगछिया पुलिस ने इस पहल से यह साबित कर दिया है कि अपराध नियंत्रण और न्याय दिलाने के लिए आधुनिक तकनीकों और वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाना समय की मांग है. प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया प्रशिक्षण के बाद प्रतिभागी अधिकारियों ने इसे बेहद उपयोगी और ज्ञानवर्धक बताया. एक अधिकारी ने कहा कि हमने पहली बार इतनी गहराई से वैज्ञानिक दृष्टिकोण को समझा. इससे हम अपने काम को और अधिक प्रभावी बना पाएंगे. समाज में न्याय और विश्वास का संदेश इस तरह के प्रशिक्षण समाज में न्याय के प्रति विश्वास को मजबूत करता है. यह न केवल अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की दिशा में सहायक है, बल्कि पीड़ितों को भी आश्वस्त करता है कि उनके साथ न्याय होगा. नवगछिया पुलिस की यह पहल अन्य जिलों के लिए प्रेरणादायक है. उम्मीद की जा रही है कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरे राज्य में आयोजित किये जायेंगे.
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