रांची. राम कृष्ण धर्मार्थ फाउंडेशन (आरकेडीएफ) यूनिवर्सिटी का पहला दीक्षांत समारोह नामकुम स्थित विवि परिसर में हुआ. समारोह में 2019-2023 सत्र के 50 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल और स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पीएचडी के 1061 विद्यार्थियों को डिग्री दी गयी. उत्कृष्ट सेवा कार्यों के लिए संजय चतुर्वेदी को मानव दर्शनशास्त्र में मानद उपाधि दी गयी. मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति प्रो प्रवीणचंद त्रिवेदी ने विद्यार्थियों को सामाजिक सेवा और नैतिक मूल्यों के प्रति समर्पित रहने के लिए प्रेरित किया.
भारतीय संस्कृति का मूल मंत्र है तमसो मा ज्योतिर्गमय
उन्होंने कहा कि विवि ने भगवान बिरसा मुंडा और महेंद्र सिंह धौनी की धरती से समाज के वंचित लोगों को शिक्षा प्रदान करने का काम किया है. कहा भारतीय संस्कृति का मूल मंत्र तमसो मा ज्योतिर्गमय रहा है. संस्थानों को इसी उद्देश्य से कार्य करना होगा. नयी शिक्षा नीति छात्रों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर बनायी गयी है. देशहित के लिए छात्रों में नैतिक एवं चरित्र निर्माण शिक्षण संस्थानों का उद्देश्य होना चाहिए. साथ ही छात्रों में किताबी ज्ञान के साथ शिक्षा की स्थिति-परिस्थिति का भी ज्ञान होना जरूरी है. कौशल विकास जरूरी है. उन्होंने छात्रों से कहा कि समय बहुमूल्य है. सोशल मीडिया पर समय बर्बाद किए बिना समय प्रबंधन के साथ देशहित में काम करें. विशिष्ट अतिथि दिव्य प्रेम मिशन हरिद्वार के अध्यक्ष डॉ आशीष गौतम भईया, संत शिरोमणि प्रदीप कौशिक जी ने भी अपने विचार रखें. आरकेडीएफ विवि के निदेशक डॉ बीएन सिंह ने कहा कि विद्यार्थी डिग्री के साथ राज्य एवं देशहित में बेहतर करने की दिशा में काम करें. इस अवसर पर डॉ ज्योति कुमार, कुलपति डॉ शुचितांग्शु चटर्जी आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है