कटिहार.महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज की 105वीं जयंती उनके शिष्यों ने शुक्रवार को मनायी. शहर के गामी टोला स्थित महर्षि मेंहीं आश्रम में इस अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित किये गये. सर्वप्रथम महर्षि मेंही महाराज के तैल चित्र को रथ में रखकर जय घोष के बीच सुबह शहर भर में एक शोभा यात्रा निकाली गयी. इसके बाद शिष्यों ने उनके तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया. प्रात: कालीन स्तुति विनती, भजन कीर्तन के साथ सामूहिक ध्यान अभ्यास से कार्यक्रम की शुरुआत की. महाराज जी के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उसके बताये गये मार्ग को अपने जीवन में उतारने पर बल दिया गया. ताकि संसार की मोह माया की इस भंवर जाल से मुक्ति मिलकर मोक्ष की प्राप्ति हो सके. मौके पर भागलपुर कुप्पाघाट से आये स्वामी स्वरूपानंद बाबा महाराज ने महान संत महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरू महाराज के बताये हुए रास्ते पर चलकर ही सदगति की प्राप्ति हो सकती है. उन्होंने कहा कि गुरू महाराज सभी संप्रदाय का सम्मान करते हुए सबको एक सूत्र में बांधकर सम्मलित संतमत नाम दिया. आत्मा और परमात्मा का ज्ञान जन जन तक पहुंचायें. आज उनकी जयंती के मौके पर हम सभी यह संकल्प लें कि सत्संग के साथ ध्यानयोग कर अपने जीवन को सफल बनायेंगे. उनके बताये हुए रास्ते पर चलकर अपने जीवन को धन्य धान्य करेंगे. आयोजन से जुड़े त्रिलोक अग्रवाल ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी महर्षि मेंही परमहंस महाराज की जयंती बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया. कुप्पाघाट से पधारे स्वामी जी के मुखारविंद से प्रवचन की अमृत वर्षा का लोगों ने भरपूर लाभ उठाया. कार्यक्रम के अंत में भंडारा का आयोजन किया गया. जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में निर्मल डालमिया, विशेश्वर नारायण भगत, शंकर यादव, अखिलेश भगत, संतोष चंद्र महतो आदि ने भूमिका निभायी.
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