. महर्षि संतसेवी महाराज नहीं होते तो सद्गुरु महर्षि मेंहीं का संदेश हमलोगों को नहीं मिलता. गुरुसेवी भगीरथ बाबा ने भी महर्षि संतसेवी महाराज की महिमा का बखान किया. महर्षि संतसेवी परमहंस महाराज की 105वीं जयंती पर शुक्रवार को कुप्पाघाट स्थित सत्संग हॉल में प्रवचन कार्यक्रम का आयोजिन किया गया था.
संतों के इतिहास में महर्षि संतसेवी सा कोई शिष्य नहीं : दिव्य प्रकाश
कुप्पाघाट आश्रम में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब
महर्षि संतसेवी परमहंस की जयंती समारोह में गुरुवार हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा. किशनगंज, खगड़िया, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, बांका, मुंगेर, जमुई, लखीसराय, पटना समेत दूसरे प्रांतों उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब, झारखंड के भी श्रद्धालु आये थे.श्रद्धालुओं ने भंडारा में किया प्रसाद ग्रहण
हजारों श्रद्धालुओं के लिए खिचड़ी का भंडारा हुआ. सशुल्क पूड़ी-जलेबी व सब्जी की व्यवस्था की गयी थी. शाम को दाल, भात और सब्जी का भंडारा हुआ. बाहर से आये हजारों श्रद्धालुओं के लिए आश्रम परिसर में ठहरने की व्यवस्था की गयी थी.सत्संगियों, साधु व संतों में बांटे गये कंबल व अन्य गर्म कपड़े
महर्षि संतसेवी जयंती के पावन अवसर पर साधु-संतों व सत्संगियों के बीच सत्संगी परमानंद अग्रवाल के सहयोग से कंबल, इनर, टोपी, मौजा आदि गर्म कपड़े का वितरण किया गया. कार्यक्रम में स्वामी पंकज बाबा एवं महासभा के पदाधिकारी का योगदान रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है