मोतिहारी.बिजली कंपनी की गलती से किसी को करेंट लगता है और उसकी मौत हो जाती है, तो बिजली कंपनी को चार लाख रुपये बतौर मुआवजा पीड़ित परिवार को देना होता है. करेंट लगने से मवेशियों की मौत पर भी क्षतिपूर्ति मिलती है. इसमें व्यक्ति की मौत के बाद उनके आश्रितों को चार लाख रुपये, तो पशु की मौत के बाद पशुपालक को 30 हजार रुपये का मुआवजा मिलता है. इसके लिए विभागीय शर्ते भी है, जहां 11 हजार वोल्ट की तार से या फिर ट्रांसफॉर्मर से गुजरने वाले पोल पर तार के कटे होने से मृत होने बाद ही यह राशि देय होगी. जबकि, पोल पर से घर जा रहे या घर में लगे तार से करेंट लगने से मौत होने पर यह राशि देय नहीं होगी. विभाग की कमेटी की जांच रिपोर्ट के बाद ही विभाग की ओर से राशि के लिए अनुशंसा की जाती है. गौरतलब है कि पहले व्यक्ति की मौत पर दो लाख की राशि देय होती थी, लेकिन अब चार लाख की राशि देय है. पहले जानवरों के लिए अनुदानित राशि देय नहीं थी, अब जानवरों के लिए भी राशि विभाग की ओर से देय की गयी है.
नुकसान पर दो लाख मिलेगा मुआवजा
दरअसल, बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली की वजह से हुई दुर्घटना में घायल लोगों के लिए भी प्रावधान किये गये है. अगर करेंट की वजह से किसी व्यक्ति के शरीर का साठ प्रतिशत तक नुकसान होता है, तो बिजली कंपनी को उसे दो लाख का मुआवजा देना होता है. वहीं, 40 प्रतिशत के नुकसान की स्थिति में मुआवजे की राशि साठ हजार होती है. मुआवजा राशि भुगतान सिविल सर्जन द्वारा जारी किये गये सर्टिफिकेट के आधार पर होता है. इसके अलावा बिजली की वहज से हुई. दुर्घटना में घायल को हास्पिटल में एक सप्ताह के अंदर भर्ती रहने पर पांच हजार और एक सप्ताह के बाद रहने पर 15 विधुत विभाग देता है.बिजली से मौत पर मिलने वाला मुआवजा
मानव मृत्यु – 4,000,00गाय व भैंस – 30,000बकरी, भेड़ व सुअर- 3,000घोड़ा, बैल व ऊंट – 25,000
बछड़ा, गदहा, खच्चर – 16,000क्या कहते हैं अधिकारी
विभाग का नियम है, उसी आधार पर बिजली कपंनी द्वारा मुआवाजा दिया जाता है. इसमें और कुछ संशोधित होने की संभावना है.राजीव मिश्रा,एसडीओ, सदर मोतिहारीडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है