दोपहर दो से तीन बजे तक राज्य के हर ब्लॉक और नगरपालिका मुख्यालयों में होगा प्रदर्शन
कोलकाता नगर निगम सहित सभी निकाय क्षेत्र के प्रत्येक वार्ड में भी निकाली जायेंगी रैलियां
संवाददाता, कोलकाता
तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉ बीआर आंबेडकर पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह की टिप्पणी के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन की घोषणा की है. शुक्रवार को सोशल मीडिया के माध्यम से तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ 23 दिसंबर को राज्यव्यापी प्रदर्शन का आह्वान किया और भाजपा पर संविधान निर्माता डॉ बीआर आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया. ममता बनर्जी ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के अपमान के विरोध में 23 दिसंबर को दोपहर दो बजे से तीन बजे तक राज्य के हर ब्लॉक और नगर पालिका के साथ-साथ कोलकाता के हर वार्ड में रैलियां आयोजित की जायेंगी.
हमारे संविधान निर्माता आंबेडकर का अपमान स्वीकार नहीं : मुख्यमंत्री
सोशल मीडिया पर साझा किये गये एक बयान में, ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में आंबेडकर और संविधान मसौदा समिति के अन्य सदस्यों के बारे में ‘अपमानजनक टिप्पणी’ की थी. ममता बनर्जी ने इस टिप्पणी को भारत के लोकतंत्र का अपमान और संविधान द्वारा निर्धारित मूल्यों पर हमला बताया. ममता बनर्जी ने कहा कि हमारे संविधान निर्माता बाबासाहेब आंबेडकर का अपमान स्वीकार नहीं है.
इस जातिवादी भाजपा सरकार ने बार-बार हमारे लोकतंत्र पर हमला किया है. उन्होंने दावा किया कि भाजपा की हरकतें उसके ‘दलित विरोधी’ एजेंडे को उजागर कर रही हैं. अमित शाह की टिप्पणी को ‘संविधान की बुनियाद’ पर हमला और दलित एवं आदिवासी समुदायों के साथ विश्वासघात करार देते हुए सुश्री बनर्जी ने पूरे पश्चिम बंगाल के लोगों से विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का आह्वान किया. उन्होंने लोगों से लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए एकजुट होने और भाजपा के ‘अत्याचार और षड्यंत्रों’ का विरोध करने का आग्रह किया.
भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का मुखर विरोध करती रही हैं सीएम
यह पहली बार नहीं है जब ममता बनर्जी ने भाजपा पर संवैधानिक मूल्यों और लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया है. तृणमूल सुप्रीमो संघवाद और सामाजिक न्याय पर कथित हमलों सहित कई मुद्दों पर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का मुखर विरोध करती रहीं हैं.
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