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Shani Shukra Yuti: जन्मकुंडली में शुक्र और शनि का युति का ये होता है प्रभाव

Shani Shukra Yuti: जन्मकुंडली में शुक्र और शनि का प्रभाव अत्यंत सकारात्मक होता है. जब ये दोनों ग्रह एक साथ होते हैं, तो व्यक्ति के जीवन में धन की विशेष प्राप्ति होती है, जो अत्यंत लाभकारी सिद्ध होती है. इन ग्रहों के प्रभाव से व्यक्ति को समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त होता है. इसके परिणामस्वरूप, व्यक्ति के जीवन में विभिन्न प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है.

Shani Shukra Yuti: जन्मकुंडली में शुक्र और शनि के प्रभाव बहुत अनुकुल रहता है. शुक्र और शनि के युति से व्यक्ति के जीवन में धन का विशेष लाभ होता और बहुत लाभकारी होता है. इन दोनों ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति बहुत प्रभावशील माना जाता है. व्यक्ति के जीवन में कई तरह से सुख प्राप्त होता है. ज्योतिषशास्त्र में शुक्र धन वैभव तथा कामवासना के प्रतिक होते है. शुक्र कामुकता का ग्रह है. शुक्र स्त्री कारक ग्रह है कुंडली में भौतिक सुख सुविधा का ग्रह माना जाता है. शनि न्यायपालिका का कार्य करते है. शुक्र और शनि आपस में दोनों मित्र है. इन दोनों ग्रह का आपस में मिलने से व्यक्ति को धन वैभव तथा सामाजिक दृष्टी से मजबूत बनाता है.

जन्मकुंडली में शनि और शुक्र शनि के राशि में प्रभाव

शनि और शनि की राशि में अगर युति होता है, इससे शुक्र ज्यादा प्रभावित होते है. शुक्र की युति अगर शनि की राशि में होता है, इन दोनों ग्रह का युति होने से भाग्य का वृद्धि होता है. व्यक्ति समझदारी के साथ कार्य करता है. आप किसी से मित्रता करते है, अच्छे से निर्वाह करते है, लेकिन आपका प्रयास रहता है दाम्पत्य जीवन अनुकूल रहे. हमेशा अपने से कम उम्र के साथ विवाह करते है. शनि धीमी गति से चलने वाला ग्रह होता है. शुक बहुत तेज गति से चलने वाला ग्रह है. शुक्र और शनि की युति से जीवन में कई तरह से लाभ होता है व्यापार में उन्नति होता है. कला तथा डिजाइन,फिल्म ,कलाकार तथा रचनात्मक कार्य करने वाले होते हैं.

Shani Shukra Yuti: जन्मकुंडली के द्वादश भावों में शुक्र और शनि की युति, लाता है जीवन में ये बदलाव

जाने कुंडली के द्वादश भाव में शुक्र और शनि का प्रभाव

पहला भाव

जन्मकुंडली के पहला भाव में शुक्र और शनि होने से धन का लाभ मिलता है .जीवन में संघर्ष करने को मिलता है. स्वस्थ्य अनुकूल नहीं रहता है.मानसिक स्थति ठीक नहीं रहता है.समाज में मान सम्मान मिलता है.

दूसरा भाव

जन्मकुंडली के दूसर् भाव में शुक्र और शनि होने से धन के लिए अच्छा माना जाता है पैतृक सम्पत्ति का लाभ मिलता है. नौकरी करने वाले को पद प्रतिष्ठा का लाभ होगा.वाहन का सुख प्राप्त होगा.

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तीसरा भाव

जन्मकुंडली के तीसरे भाव में शुक्र और शनि की युति व्यक्ति को कठिन परिश्रम करना पड़ेगा,भाई बहन का सहयोग मिलता है. ससुराल से रिश्ता मजबूत बनता है उनका सहयोग मिलता है आय ठीक रहता है.

चौथा भाव

जन्मकुंडली के चौथे भाव में शुक्र और शनि के युति से मिला जुला रहता है कार्यक्षेत्र में लाभ होता है. अनुशासन में रहता है समाज में मन सम्मान मिलता है धन के अनुकूल रहता है. कार्य में निपुण होते है.

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पांचवा भाव

जन्मकुंडली के पांचवा भाव में शनि और शुक्र का युति से शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति होता है. उच्च शिक्षा के लिए अनुकूल होता है. संतान के सुख में बिलंब होता है. सुख समृद्धि के लाभ के लिए थोडा प्रयास से ही सफलता मिलता है.

छठा भाव

जन्मकुंडली के छठे भाव में शनि और शुक्र के प्रभाव से प्रतियोगिता में सफलता मिलेगा. शत्रु पर विजय प्राप्त होता है पैतृक संपत्ति के लिए अनुकूल रहता है. आर्थिक स्थति मजबूत होता है.

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सातवां भाव

जन्मकुंडली के सातवे भाव में शनि और शुक्र की युति होने से पत्नी सुन्दर प्राप्त होती है, लेकिन शुक्र शनि अच्छे स्थति में रहे तब वैवाहिक जीवन सफल होता है या जल्दी या फिर देर से विवाह होता है. पत्नी के विचार में कमी होता हैं, जिससे मतभेद बनता है.

आठवा भाव

जन्मकुंडली के आठवां भाव में शनि और शुक्र की युति से पारिवारिक सहयोग मिलता है. स्वास्थ्य ठीक नही रहता है. धन का आपार लाभ मिलता है. मूत्र विकार होता है महिला है गर्भभाश्य तथा यूरिन ट्रैक में समस्या बनता है.

नवम भाव

जन्मकुंडली के नवम भाव में शनि और शुक्र का युति बहुत ही लाभकारी माना जाता है. धार्मिक विचार बनता है. धन संपत्ति को लेकर लाभ होता है. जितना मेहनत उतना लाभ मिलता है सुख सुविधा का लाभ होता है.

दशम भाव

जन्मकुंडली में शुक्र शनि का युति दशम भाव में होने से व्यक्ति अपने कर्म से आगे बढ़ता है.पद -प्रतिष्ठा का लाभ होता है.कलात्मक कार्य को अनुकूल बनाता है.नौकरी में मान सम्मान मिलता है.

एकादश भाव

जन्मकुंडली के एकादश भाव में शनि और शुक्र का युति से अच्छा लाभ होता है. उधारी पैसा समय से मिलता है. भौतिक तथा अध्यात्मिक लाभ होता है कम मेहनत में ज्यादा लाभ मिलता है. शेयर बाजार तथा जुए से भी लाभ होता है.

द्वादश भाव

द्वादश भाव में शनि और शुक्र के प्रभाव से विदेश यात्रा करवाता है जीवन में संघर्ष बना रहता है .विवाह में बिलंब होता है. खर्च बढ़ जाता है स्वस्थ्य ठीक नहीं रहेगा.

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

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