प्रतिनिधि, महेशपुर महेशपुर प्रखंड के सोनारपाड़ा चेकनाका पर शनिवार को लगातार दूसरे दिन भी धान लदे वाहनों को पश्चिम बंगाल जाने से रोक दिया गया. इसके चलते बड़ी संख्या में धान से भरे वाहन चेकनाका पर खड़े हैं. प्रशासन द्वारा लैंप्स (लार्ज एरिया मल्टीपर्पज सोसाइटी) में तय धान खरीद लक्ष्य को पूरा करने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है. पाकुड़ जिले के लैंप्स को इस वर्ष 2 लाख क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य दिया गया है, जबकि महेशपुर प्रखंड का लक्ष्य 60 हजार क्विंटल है. प्रशासन अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए व्यवसायियों के धान लदे वाहनों पर शिकंजा कस रहा है. चेकनाका पर वाहनों को कब तक रोका जाएगा, इस पर अंचलाधिकारी संजय प्रसाद सिन्हा ने टिप्पणी करने से मना करते हुए कहा कि यह जानकारी प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी देंगे. प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी नोरिक रविदास ने कहा कि फिलहाल वाहनों को रोकने का निर्देश है और उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद ही आगे कुछ कहा जा सकेगा. धान लदे वाहनों पर रोक से व्यवसायियों को भारी परेशानी धान लदे वाहनों को पश्चिम बंगाल जाने से रोके जाने के कारण व्यवसायियों और चालकों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. शुक्रवार से ही वाहनों को चेकपोस्ट से लौटाया जा रहा है. महेशपुर के रास्ते गुजरने वाले अन्य जिलों के वाहनों को भी रोककर सड़क किनारे खड़ा कर दिया गया है. वाहन चालकों का कहना है कि वे अहले सुबह से लेकर देर शाम तक सोनारपाड़ा चेकपोस्ट के पास खड़े हैं. इससे न केवल समय की बर्बादी हो रही है, बल्कि अन्य मुश्किलें भी बढ़ रही हैं. 2023 के बकाया भुगतान से किसान परेशान किसानों को लैंप्स में धान बेचने के बावजूद समय पर भुगतान नहीं मिल रहा है. महेशपुर प्रखंड के कई किसानों का पिछले वर्ष 2023 का करीब 8.36 लाख रुपये अब तक बकाया है. महेशपुर-कानीझाड़ा लैंप्स के किसान परिमल मंडल, हबीबुल्ला बिहारी, तौसीफ इकबाल, पलास मंडल, शाहजहां मंडल, नाईमुर रहमान, आरती सिंह, नजीबुर रहमान, जसीमुद्दीन शेख, साईफूर रहमान समेत अन्य किसानों ने अपनी उपज का भुगतान न होने पर नाराजगी जाहिर की है. किसानों ने बताया कि उन्होंने अपनी मेहनत से उगाई फसल लैंप्स को बेची, लेकिन अब तक उन्हें उनकी मेहनत की पूरी कीमत नहीं मिली. सरकार से जल्द समाधान की अपील धान लदे वाहनों की रोक और बकाया भुगतान के कारण किसान और व्यवसायी दोनों ही परेशान हैं. व्यवसायियों ने प्रशासन से अपील की है कि धान लदे वाहनों की आवाजाही पर रोक को तुरंत हटाया जाए, ताकि वे अपना व्यापार सुचारु रूप से कर सकें. वहीं किसानों ने सरकार से बकाया राशि के शीघ्र भुगतान की मांग की है, ताकि वे अपनी खेती के लिए जरूरी संसाधन जुटा सकें.
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