अमरपुर. प्रदेश आशा व आशा फेसिलिलेटर संघ के अह्वान पर अमरपुर आशा संघर्ष समिति के बैनर तले प्रखंड के आशा व आशा फेसिलिलेटर द्वारा शनिवार को रेफरल अस्पताल परिसर में 13 सुत्री मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना दिया गया. इस दौरान राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गयी. समिति के प्रखंड अध्यक्ष वंदना कुमारी,उपाध्यक्ष उषा कुमारी, मंत्री सुमन देवी, कोषाध्यक्ष पिंकी देवी आदि कार्यकर्ताओं ने बताया कि राज्य के ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा की बुनियाद के रूप में आशा कार्यकर्ता एवं आशा फेसिलिलेटर सेवा देती आ रही है. जिस कारण संस्थागत प्रसव, जच्चा-बच्चा मृत्यु दर, टीकाकरण समेत सरकार के द्वारा निर्धारित स्वास्थ्य संबंधी अन्य कार्यक्रमों की उपलब्धि राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच चुकी हुं. राष्ट्रीय स्तर पर राज्य स्वास्थ्य समिति को कई पुरस्कार भी मिले हैं और हाल ही में टीकाकरण मामले में बिहार को प्रथम स्थान मिला है. अपनी मांगों को लेकर समिती के बैनर तले 12 जुलाई 2023 से कार्यकर्ताओ द्वारा अनिश्चित कालीन हड़ताल किया गया था. जिसका समापन 12 अगस्त 2023 को बिहार के उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तथा राज्य स्वास्थ्य समिति के तत्कालीन कार्यपालक निदेशक समेत अन्य पदाधिकारियों के उपस्थिति में समझौता कर किया गया. जिसमें राज्य निधि से पारितोषिक राशि एक हजारर से बढ़ाकर 25 सौ देने तथा पारितौषिक शब्द को बदलकर मानदेय किये जाने पर सहमति बनी थी. लेकिन वर्षो बीत जाने के बाद भी यह समझौता लागू नही की गयी. धरनार्थियों ने आशा कार्यकर्ताओ से आयुष्मान कार्ड बनवाने तथा भाव्या कार्ड अपलोड करने के कार्य को निरस्त करने, अविलंब सरकार के साथ हुए समझौते को लागू करने, आंगनबाड़ी की तरह आशा कार्यकर्ताओं को 65 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत करने, कोरोना काल में आशा कार्यकर्ता तथा आशा फेसिलेटर के द्वारा किये गये कार्यो के बदले दस हजार कोरोना भत्ता का भुगतान करने समेत 13 सुत्री मांगो का एक ज्ञापन चिकित्सा प्रभारी को सौंपा. इस मौके पर आशा कार्यकर्ता अंजू कुमारी, ममता कुमारी, रीना कुमारी, शांति देवी, शशिकला देवी, सोनी देवी, स्वाति देवी, रबीना खातून, रसीदा खातुन, रूबी कुमारी, गौरी देवी, संयुक्ता देवी समेत दर्जनों आशा कार्यकर्ता व फैसिलिलेटर मौजूद थी.
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