रांची. रांची स्मार्ट सिटी बसने से पहले ही उजड़ रही है. एचइसी धुर्वा क्षेत्र के 656 एकड़ जमीन पर लगभग 530 करोड़ रुपये खर्च कर रांची स्मार्ट सिटी के तहत तैयार की गयी आधारभूत संरचना बर्बाद हो रही है. करोड़ों की लागत से बनायी गयी सड़कों पर जानवर विचरण कर गोबर कर रहे हैं. बिना इस्तेमाल के ही सड़कें धंस रही हैं.
पौधे सूख गये, नहीं दिख रही हरियाली
स्मार्ट सिटी की हरियाली के लिए लगाये गये पौधे और हेज या तो सूख गये हैं या फिर चोरी कर लिये गये हैं. रख-रखाव के अभाव में भी पौधे मर गये हैं. हेज नहीं होने की वजह से गाय-भैंस और बकरियों ने पौधों को आहार बना लिया है. पौधे विहीन गड्ढे जगह-जगह नजर आ रहे हैं. इधर, जुडको और रांची स्मार्ट सिटी काॅरपोरेशन वहां की सुंदरता और आधारभूत संरचना बचाने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं.
एलएंडटी की है जिम्मेवारी
रांची स्मार्ट सिटी को विकसित करने की जिम्मेवारी एलएंडटी कंपनी की है. स्मार्ट सिटी के संचालन व रख-रखाव की जवाबदेही भी पांच साल के लिए एलएंडटी की ही है. आधारभूत संरचना विकसित कर रांची स्मार्ट सिटी हैंडओवर करने के क्रम में निर्धारित किया गया था कि वहां लगाये गये व लगाये जाने वाले पौधों की निगरानी व रख-रखाव की जिम्मेवारी एलएंडटी की होगी. जबकि, अपवाद स्वरूप कुछ कर्मियों को छोड़कर एलएंडटी ने स्मार्ट सिटी परिसर से अपना डेरा-डंडा हटा लिया है.
एक भी नक्शा नहीं हुआ
पास
रांची स्मार्ट सिटी का विकास वहां आधारभूत संरचना का निर्माण पूरा होने के बाद से थम गया है. स्मार्ट सिटी में जमीन की नीलामी पूरी नहीं की जा सकी है. जिन प्लॉटों को नीलाम किया गया है, वहां भी काम शुरू नहीं किया गया है. कॉरपोरेशन द्वारा निवेशकों को आवश्यक सहयोग नहीं किया जा रहा है. अब तक रांची स्मार्ट सिटी परिसर में भूमि आवंटियों को भवन निर्माण की अनुमति नहीं दी गयी है. कॉरपोरेशन द्वारा एक भी नक्शे को स्वीकृति प्रदान नहीं की गयी है. जिसकी वजह से निवेशक चाह कर भी काम आरंभ नहीं कर पा रहे हैं.
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