रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने पैनम कोल माइंस के अवैध खनन मामले की सीबीआइ जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस नवनीत कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई के दाैरान पक्ष सुना. पक्ष सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि इस तथ्य पर विचार करते हुए कि सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही है, राज्य के मुख्य सचिव तथा संबंधित विभाग के प्रधान सचिव को बुलाने के लिए वह बाध्य है, लेकिन कार्रवाई को दर्शाने वाला जवाब दाखिल करने के लिए एक और छूट देने के लिए मामले को दो सप्ताह के लिए स्थगित किया जाता है. साथ ही यह स्पष्ट किया जाता है कि यदि कोई जवाब नहीं आता है, तो कोर्ट अगली सुनवाई पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध उचित आदेश पारित करने के लिए बाध्य होगा. मामले की अगली सुनवाई छह जनवरी 2025 को होगी. इससे पूर्व प्रार्थी राम सुभग सिंह ने स्वयं पैरवी की. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में पैनम कोल माइंस नामक कंपनी को पाकुड़ व दुमका जिले में कोयला खनन का लीज मिला था, लेकिन उस पर यह आरोप है कि उसने लीज से अधिक खनिज का खनन किया. इससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है.
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