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भगवान की काम लीला काम पर विजय पाने की कथा : आचार्य राजेश

भगवान की काम लीला काम पर विजय पाने की कथा : आचार्य राजेश

-पंकज मार्केट के सत्संग भवन में भागवत कथा में लीलाओं पर हुई चर्चा

मुजफ्फरपुर.

पंकज मार्केट सत्संग भवन में चल रहे भागवत कथा के छठे दिन शनिवार को आचार्य राजेश शर्मा ने कहा कि भगवान की अनेक लीलाओं में श्रेष्ठतम लीला रास लीला है. रास तो जीव का शिव के मिलन की कथा है. यह काम को बढ़ाने की नहीं, काम पर विजय प्राप्त करने की कथा है. कथा में कामदेव ने भगवान पर खुले मैदान में अपने पूर्व सामर्थ्य के साथ आक्रमण किया है, लेकिन वह भगवान को पराजित नही कर पाया. उसे ही परास्त होना पड़ा है. रास लीला में जीव का शंका करना या काम को देखना ही पाप है. गोपी गीत पर बोलते हुए व्यास ने कहा कि जब जीव में अभिमान आता है भगवान उनसे दूर हो जाते हैं, लेकिन जब कोई भगवान को न पाकर विरह में होता है तो श्रीकृष्ण उस पर अनुग्रह करते हैं. उसे दर्शन देते हैं. भगवान श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग को सुनाते हुए उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह विदर्भ देश के राजा की पुत्री रुक्मणि के साथ संपन्न हुआ, लेकिन रुक्मणि को श्रीकृष्ण द्वारा हरण कर विवाह किया गया. उन्हाेंने कहा कि रुक्मणि स्वयं साक्षात लक्ष्मी हैं और वह नारायण से दूर रह ही नही सकती. यदि जीव अपने धन अर्थात लक्ष्मी को भगवान के काम में लगाए तो ठीक नहीं तो फिर वह धन चोरी द्वारा, बीमारी द्वारा या अन्य मार्ग से हरण हो ही जाता है. कथा के दौरान आचार्य राजेश व्यास ने भजन प्रस्तुत किए. कथा के प्रारंभ में मुख्य यजमान राज कुमार चौधरी, प्रमोद संथालिया, अनूप खेतान ने पूजा की. मौके पर उमा चेतन, रानी चेतन, सुधा चौधरी, राखी संथालिया, प्रेमा चाचान, राखी चौधरी, सोनी खेतान मुख्य रूप से मौजूद थीं.

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