Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा में पिछले तीन बार से आम आदमी पार्टी एकतरफा चुनाव जीतते आ रही है. इस के चुनाव में कयास लगाया जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल की राह आसान नहीं होने वाली है. पार्टी लगातार कई चुनौतियों का सामना कर रही है जिसको लेकर लोगों के मन में भी संसय बना हुआ है. आइए आज आपको चार ऐसी चुनौतियों के बारे में बताते जिससे पार पाना आम आदमी पार्टी के लिए आसान नहीं रहने वाला.
भ्रष्टाचार का आरोप
आम आदमी पार्टी का उदय ही भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ हुआ था. लेकिन लगातार आप के नेताओं पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों ने पार्टी पर लोगों के विश्वास को कमजोर किया है. दिल्ली में हुए शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं का फसना पार्टी के लिए इस बार सबसे बड़ा चुनौती है
बड़े नेताओं का पार्टी छोड़ना
चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा चुनौती उनके नेताओं का दल छोड़ कर जाना है. बात चाहे अब्दुल रहमान की हो कैलाश गहलोत का दोनों पार्टी के बड़े नेताओं का पार्टी छोड़ का जाना इस चुनाव में आम आदमी पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता है. कैलाश गहलोत अरविंद केजरीवाल के कुछ चुनिंदा पसंदीदा मंत्रियों में से एक थे साथ ही दिल्ली में पार्टी के बड़े जाट नेता भी थे.
कांग्रेस का मजबूत होना(Delhi Election 2025)
दिल्ली में आम आदमी पार्टी जैसे जैसे मजबूत होते चली गई है वैसे ही कांग्रेस का प्रभाव दिल्ली की राजनीति में कम हुआ है. दलित वोट से लेकर अल्पसंख्यक वोटों में बड़ा बदलाव देखा गया था. लेकिन अब कांग्रेस दिल्ली में ख़ुद को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और अब तक इस 21 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा भी कर दी है. ऐसे में अगर कांग्रेस मजबूत हुई तो इसका खामियाजा आम आदमी पार्टी को दिल्ली में उठाना पड़ सकता है.
एंटी इंनकम्बेंसी
लगातार सरकार में रहने पर कई बार जनता के बीच एंटी इंनकम्बेंसी का सामना करना पड़ जाता है. आप सरकार के कुछ नीतियों को लेकर जनता के बीच असंतोष की भावना भी देखी का सकती है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस कारण पार्टी को इस चुनाव में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.