हरिहरपुर. कांडी प्रखंड के दारिदह, घुटुरवा, डगर हरिहरपुर और रपुरा गांव में नीलगाय का आतंक दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है. नीलगाय खेतों में लगी फसल चर कर बरबाद कर दे रहे हैं. वर्तमान समय में इनकी संख्या हजारों में है. किसानों द्वारा इन्हें भगाने व डराने के सारे उपाय बेकार साबित हो रहे हैं. किसानों द्वारा खेतों में पुआल व कपड़ों से मनुष्य की प्रतिमूर्ति बनाने, पशुओं की खोपड़ी को लकड़ी के सहारे लगाने व तार से घेराबंदी करने जैसे प्रयास विफल हो गये हैं. इधर किसानों को काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है. लेकिन वन विभाग इस समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं कर रहा है. इस संबंध में हरिहरपुर के किसान संतोष कुमार सिंह ने बताया कि उन्होंने एक बीघा खेत में आलू की फसल लगायी थी. लेकिन इसे नीलगाय चट कर गये हैं. इसकी भरपाई वह कैसे करेंगे, यह सोचकर परेशान हैं. इधर डगर गांव निवासी मालिक सिंह के खेतों में लगी अरहर की फसलों को भी नीलगाय काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं. किसान नंदबिहारी सिंह ने कहा कि सरकार को इस नुकसान की भरपाई के लिए उचित कदम उठाना चाहिए. ताकि किसानों को हो रहे नुकसान की भरपाई हो सके. किसान आवेदन दें, मुआवजा मिलेगा इस संबंध में पूछे जाने पर वन क्षेत्र पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि नीलगाय से बचाव ही बेहतर है. यदि नीलगाय से क्षति होती है, तो किसान आवेदन दें, उन्हें वन विभाग से नियमानुसार मुआवजा दिया जायेगा.
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