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ध्यान के माध्यम से असंभव कार्य को भी किया जा सकता है संभव:स्वामी विष्णु चैतन्य

आर्ट ऑफ लिविंग के स्वामी विष्णु चैतन्य ने ध्यान की महत्ता को बताते हुए कहा कि जीवन स्वास्थ्य की लयबद्धता पर टिकी है

खगड़िया. सांस के बगैर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है. जल, जमीन और सूरज के बगैर संसार की परिकल्पना नहीं कर सकते हैं. लेकिन जो आपको असंभव लगता है. उसे ध्यान के माध्यम से संभव कर सकते हैं. उपरोक्त बातें प्रथम विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों व युवाओं को संबोधित करते हुए स्वामी विष्णु चैतन्य ने कहा. आर्ट ऑफ लिविंग के तत्वाधान में कोसी महाविद्यालय के प्रांगण में स्वामी विष्णु चेतन एवं आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षक देव रतन सिंह द्वारा ध्यान कराया गया. ध्यान के पश्चात आर्ट ऑफ लिविंग के स्वामी विष्णु चैतन्य ने ध्यान की महत्ता को बताते हुए कहा कि जीवन स्वास्थ्य की लयबद्धता पर टिकी है. जब भी हम किसी तनाव से गुजर रहे हो, किसी समस्या के समाधान की तलाश में हो, पढ़ने खेलने का दिल ना कर रहा हो, जब आपको किसी भी कार्य में कार्य करने की इच्छा ना कर रहा हो तो उस समय ध्यान आपके लिए ऊर्जा प्रदान करेगी. प्रशिक्षक देव रतन सिंह ने कहा कि आप अपने दिनचर्या के 24 घंटा में कम से कम 20 मिनट ध्यान पर समय देंगे तो आपके दैनिक कार्य में अनुशासन के साथ-साथ सकारात्मक रहेगी. कोशी कॉलेज में क्रिकेट के कोच कर्मवीर कुमार, देवराज पंडित, फिजिकल प्रशिक्षक निरंजन कुमार, आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षक नागेंद्र सिंह त्यागी, राजद जिला अध्यक्ष मनोहर यादव, युवा शक्ति के नेता अभय कुमार गुड्डू, राजेश कुमार, नीरज यादव, समाजसेवी हेमंत कुशवाह आदि मौजूद थे.

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