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Darbhanga News: ठंड का मौसम शुरू होने के साथ खतरनाक हो गये शहर के रोड डिवाइडर

Darbhanga News:ठंड का मौसम शुरू होते ही शहर की सड़कों पर जगह-जगह बने रोड डिवाइडर पर दुर्घटनाएं शुरू हो गयी है.

Darbhanga News: दरभंगा. ठंड का मौसम शुरू होते ही शहर की सड़कों पर जगह-जगह बने रोड डिवाइडर पर दुर्घटनाएं शुरू हो गयी है. बीती रात दरभंगा हवाई अड्डा जानेवाली सड़क में बाघ मोड़ पर एक ट्रक डिवाइडर पर चढ़कर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हालांकि इसमें चालक तथा सहयोगी बाल-बाल बच गये. हादसा देर रात हुआ. दिन चढ़ने के बाद ट्रक को डिवाइडर से हटाया गया. दरअसल, इस तरह की घटना आये दिन होती रहती है. खासकर ठंड के मौसम में कोहरा छाने के बाद इसमें इजाफा हो जाता है. पिछले दो दिनों से रात ढलने के बाद शहरी क्षेत्र में हल्की धुंध छाने लगी है. इस मौसम रोड डिवाइडर खतरनाक हो गये हैं. पहली नजर में तो इस तरह की घटना में चालक की लापरवाही महसूस होती है, लेकिन यहां इसकी मुख्य वजहों में प्रशासनिक कुव्यवस्था प्रमुख है.

शिक्षक की मौत के बाद डीकेबीएम पथ में किया सुधार

उल्लेखनीय है कि यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के नजरिए से प्रशासनिक स्तर से शहर की सड़कों पर जगह-जगह रोड डिवाइडर बनाये गये. अप एवं डाउन लेन की गाड़ियों का आवागमन सुचारू रखने के लिए कई स्थानों पर इसका निर्माण किया गया. डिवाइडर तो बना दिया गया, लेकिन आज तक प्राय: कहीं भी न तो इसके लिए संकेतक लगाये गये और न ही रेडियम पट्टी ही बनायी गयी, लिहाजा विशेषकर जाड़े की रात में धुंध छा जाने पर डिवाइडर का पता ही चालकों को नहीं लग पाता. इस वजह से अक्सर गाड़ियां डिवाइडर पर चढ़ जाती हैं. बड़ी गाड़ियों या कार आदि के दुर्घटनाग्रस्त होने पर वाहन के साथ डिवाइडर को अधिक नुकसान होता है, लेकिन अगर बाइक चालक इसके शिकार होते हैं तो खुद भी जख्मी हो जाते हैं. पिछले ही दिनों डीकेबीएम पथ पर जाले में पदस्थापित एक शिक्षक की मौत गलत तरीके से बने ब्रेकर के कारण हो गयी थी. हालांकि इसके बाद प्रशासन ने आनन-फानन में जरूरी संकेतक आदि का वहां प्रबंध कर दिया, परंतु शहर में सालों से चली आ रही इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

चार साल पहले निगम ने लिया था निर्णय

वैसे तो इस समस्या को लेकर करीब आठ साल से आवाज उठ रही है, लेकिन धरातल पर परिणामदायी पहल आज तक नहीं हो सकी. साल 2020 के 21-22 दिसंबर को निगम के सामान्य बोर्ड की बैठक में इस बावत फैसला लिया गया था. ठंड के मौसम में हादसों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए डिवाइडर का आकार उंचा करते हुए उस पर रेडियम की पट्टी लगाने के साथ ही ग्रिलिंग का निर्णय लेते हुए इसके लिए पीडब्ल्यूडी को पत्र भेजने पर सहमति बनी थी. सूत्र बताते हैं कि पत्र भेजा भी गया, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा. बता दें कि शहर की अधिकांश प्रमुख सड़कें अब पीडब्ल्यूडी के अधीन चली गयी हैं, इसलिए निगम अब इस पर कोई काम नहीं करता.

बार-बार हादसों से छोटा पड़ गया आकार

डिवाइडर पर बार-बार गाड़ियों के चढ़ जाने से इसका आकार छोटा पड़ता जा रहा है. कई स्थानों पर तो स्थिति ऐसी हो गयी है कि पूरी की पूरी गाड़ी निकल जाती है. लहेरियासराय टावर के पास तथा बाघ घर मोड़ की कुछ ऐसी ही स्थिति है. इसकी ऊंचाई बढ़ाने की भी जरूरत है.

क्रॉसिंग साइन बोर्ड तक नहीं

शहर में सड़कों का जाल सा बिछा है. मुख्य सड़कों से लेकर लिंक पथ तक पर क्रांसिंग साइन बोर्ड भी नहीं लगाया गया है और न ही मोड़ को लेकर ही संकेतक लगाये गये हैं. ऐसे में अनजान चालक ऐसे स्थलों पर हादसे का शिकार हो जाते हैं. पथ निर्माण विभाग के एसडीओ देवेंद्र कुमार ने बताया कि प्लेटिनम डिवाइडर, रोड मार्किंग, रोड क्रॉसिंग साइन बोर्ड आदि की मरम्मति एवं निर्माण से संबंधित एस्टीमेट तैयार हो गया है. अगले सप्ताह से कार्य प्रारंभ हो जायेगा.

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