दर्शन परिषद एवं टीएमबीयू के दर्शन शास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 46वें वार्षिक अधिवेशन के दूसरे दिन रविवार को वक्ताओं और शोधार्थियों ने अपने शोध पत्रों को प्रस्तुत किया. शोध पत्रों की प्रस्तुति का कार्यक्रम एक ही समय में छह अलग-अलग कक्षों में सम्पन्न कराया गया. समानांतर सत्र की व्यवस्था के बीच अलग-अलग विषयों पर केंद्रित शोध पत्र पढ़े गए. इसकी अध्यक्षता और समन्वय के लिए कई विद्वान अधिकृत किए गए थे. शोध पत्रों के वाचन के उपरांत सत्राध्यक्ष की ओर से उनपर विद्वतापूर्ण टिप्पणी की गयी. समाज दर्शन विषयक सत्र की अध्यक्षता मुजफ्फरपुर से आए प्रो अभय कुमार सिंह ने की और इस सत्र के समन्वयक पटना से आए डॉ शैलेश मिश्र थे. नीतिशास्त्र विषयक सत्र के अध्यक्ष सीवान से आए प्रो चन्द्रभूषण सिंह और समन्वयक श्री सुबोध श्रीवास्तव थे. धर्म दर्शन विषयक सत्र की अध्यक्ष प्रो सरस्वती मिश्र और समन्वयक डॉ मनीष मिश्र थे. तर्क एवं ज्ञान मीमांसा विषयक सत्र के अध्यक्ष भागलपुर के प्रो राकेश रंजन तिवारी और समन्वयक डॉ सुमित कुमार थे. तत्वमीमांसा विषयक सत्र के अध्यक्ष डॉ श्याम रंजन सिंह और समन्वयक डॉ ओम शंकर दूबे थे. योग एवं संस्कृति विषयक सत्र के अध्यक्ष आरा से आए प्रो किस्मत कुमार सिंह और संयोजक डॉ महफूज अशरफ थे. अधिवेशन के ऑनलाइन सत्र के अध्यक्ष मुरारका महाविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग के प्रो नागेन्द्र तिवारी और समन्वयक विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ राहुल कुमार थे.
विशेष सत्र का किया गया आयोजन
इन सभी समानांतर सत्रों के उपरांत अंतिम में चिंतन धारा केंद्रित विशेष सत्र का आयोजन किया गया. चिंतन धारा केंद्रित विशेष सत्र में मुख्य वक्ता महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा, महाराष्ट्र के पूर्व कुलपति प्रोफेसर रजनीश शुक्ला थे. इन सभी सत्रों का आयोजन मारवाड़ी महाविद्यालय के नवनिर्मित महिला प्रभाग के अलग-अलग तलों पर स्थित सभागार में हुआ. मालूम हो कि अधिवेशन का समापन सोमवार को किया जाएगा. अधिवेशन की आयोजन सचिव मारवाड़ी महाविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ प्रज्ञा राय और आयोजन समन्वयक विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर राहुल कुमार हैं.
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