Chanakya Niti: किसी घर का संचालन तब ज्यादा अच्छा चल सकता है जब घर के मुखिया का आचरण ठीक हो, क्योंकि परिवार को जोड़े रखने और छोटों को सही राह दिखाने के लिए यह बहुत ही जरूरी होता है. अगर घर के मुखिया का आचरण सही नहीं रहता है तो घर बर्बाद हो जाता है. आचार्य चाणक्य ने नीतिशास्त्र में कुछ घर के मुखिया की कुछ आदतों का उल्लेख किया गया है. अगर घर के मुखिया में ऐसे लक्षण होते हैं तो पूरा घर बर्बाद हो जाता है. घर में आर्थिक तंगी आ जाती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि चाणक्य नीति में घर के मुखिया की किन खराब आदतों को बताया गया है.
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फिजूल खर्च करने की आदत
चाणक्य नीति में बताया गया है कि घर के मुखिया में अगर फिजूल खर्च करने की आदत है तो उस घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं रहती है. घर में आर्थिक तंगी बनी रहती है. ऐसे में अगर आप में फिजूल खर्च करने की आदत है तो इसमें सुधार कर लें.
अन्न की बर्बादी करने की आदत
कहा जाता है कि अन्न की बर्बादी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि अन्न को माता अन्नपूर्णा देवी का आशीर्वाद माना जाता है. ऐसे में जिस घर का मुखिया ही अन्न की बर्बादी करता है. उस घर में आर्थिक समस्याएं हमेशा बनी रहती है. ऐसे में इन आदतों को जितना जल्दी हो सके बदलाव कर लेना चाहिए.
घर के सदस्यों से अच्छे संबंध न रखें
चाणक्य नीति के मुताबिक जिस घर का मुखिया घर के अन्य सदस्यों से अच्छे संबंध न रखें. उस घर में खुशहाली, प्रगति और सुख-समृद्धि का अभाव रहता है. कुछ घरों के मुखिया अपने से छोटों को कुछ नहीं समझते हैं. उनकी बातों को तवज्जो नहीं देते हैं. ऐसे में घर के मुखिया को इस तरह की आदतों को जितनी जल्दी हो सके सुधार कर लेना चाहिए. नहीं तो यह घर की तरक्की में बाधा उत्पन्न करेगी.
नियमों का खुद न करे पालन
अगर घर का मुखिया ही नियमों का पालन नहीं करता है, गलतियां करता है तो वह अपने छोटों से नियमों के पालन की अपेक्षा नहीं कर सकता है. इसके अलावा, अगर आप अपनी आदतों में सुधार नहीं करते हैं तो घर के छोटे भी आपकी ही आदतों को सीखेंगे.
Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.