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कैंसर के इलाज में प्रगति

भारत के 27 बड़े अस्पतालों में कैंसर का इलाज करा रहे 6,695 मरीजों की बीमारी के इतिहास और उनकी चिकित्सा से जुड़े तथ्यों की खोज पर आधारित यह रिपोर्ट देश में कैंसर के इलाज के क्षेत्र में आयी सक्रियता के बारे में बताती है.

Cancer Treatment In India : प्रसिद्ध मेडिकल जर्नल ‘द लांसेट’ का एक नया अध्ययन कहता है कि भारत में पिछले छह साल में कैंसर के समय पर इलाज में 36 प्रतिशत वृद्धि हुई है, जिसका श्रेय आयुष्मान भारत पीएम-जन आरोग्य योजना को जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, कैंसर का पता चलने के एक महीने में अगर इलाज शुरू कर दिया जाए, तो खतरे की आशंका कम रह जाती है. ‘द लांसेट’ रीजनल हेल्थ साउथवेस्ट एशिया’ नाम से प्रकाशित यह रिपोर्ट वस्तुत: एक सर्वे पर आधारित है.

Cancer Treatment In India : समय पर हो रहा इलाज

भारत के 27 बड़े अस्पतालों में कैंसर का इलाज करा रहे 6,695 मरीजों की बीमारी के इतिहास और उनकी चिकित्सा से जुड़े तथ्यों की खोज पर आधारित यह रिपोर्ट देश में कैंसर के इलाज के क्षेत्र में आयी सक्रियता के बारे में बताती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 6,695 मरीजों में से ज्यादातर का इलाज कैंसर का पता चलने के 20 दिनों में शुरू हो गया. हालांकि कुछ मामले ऐसे भी थे, जिनमें मरीजों का इलाज कैंसर का पता चलने के दो महीने बाद शुरू हुआ. अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि 1995 से 2017 की अवधि की तुलना में 2018 से कैंसर के समय पर इलाज शुरू होने में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

Cancer Treatment In India : स्वास्थ्य बीमा योजना गरीब परिवारों के लिए उपयोगी

आयुष्मान भारत-पीएम जन आरोग्य योजना को 2018 में लांच किया गया था. पांच लाख रुपये तक की यह स्वास्थ्य बीमा योजना गरीब परिवारों के लिए बहुत उपयोगी साबित हुई है, और इसमें कैंसर को भी कवर किया जाता है. हाल ही में सरकार ने इसे 70 वर्ष की आयु वाले तमाम आय वर्ग के लोगों के लिए लागू कर दिया है. इस योजना को लागू किये छह साल हो गये हैं इसका लाभ लेने वाले रोगियों की सर्वाधिक संख्या के मामले में कैंसर चौथे नंबर पर है. आयुष्मान भारत योजना के कारण अब गरीब लोग अस्पतालों में दाखिल हो रहे हैं और उन्हें समय पर इलाज मिल रहा है.

यह अध्ययन रिपोर्ट बताती है कि कैंसर के इलाज में रेडियोथैरेपी के कारण सबसे अधिक देरी होती है. उच्च आय वाले देशों में प्रति ढाई लाख लोगों पर एक रेडिएशन थिरैपी यूनिट है. इस हिसाब से भारत में कुल 5,000 रेडिएशन थेरैपी यूनिट्स की जरूरत है, जबकि अभी इनकी संख्या 1,000 ही है. इसे देखते हुए रेडिएशन के क्षेत्र में ढांचागत सुविधाएं बढ़ाने की रिपोर्ट में सरकार से अपील की है. कुल मिलाकर, इस रिपोर्ट से पता चलता है कि केंद्र सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना से दूसरी बीमारियों के साथ कैंसर के क्षेत्र में भी समय पर उपचार मिल रहा है.

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