संवाददाता, पटना
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय और भारतीय शिक्षण मंडल की ओर से सोमवार को कॉलेज ऑफ कॉमर्स आर्ट्स एंड साइंस पटना में नूतन शिक्षक अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर वर्ष 2024 में विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा उर्दू, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान और दर्शनशास्त्र के नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आरके सिंह ने कहा कि शिक्षक समाज का रोल माॅडल होते हैं. इसलिए नव नियुक्त शिक्षकों को सबसे पहले अपने उद्देश्य को समझना होगा. उन्होंने कहा कि शिक्षक बनने से पहले आप समाज के टैक्स से चलने वाले महाविद्यालय से ज्ञान प्राप्त करते हैं. शिक्षक बनकर आप समाज को कुछ देकर अपने ऋण से मुक्त हो सकते हैं. वहीं मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय ज्ञान संपदा के उपप्रमुख ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि भारतीय शिक्षण परंपरा से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं. हमारे यहां गुरुकुल परंपरा रही है, जहां योग्य शिक्षकों, आचार्य द्वारा समाज को ज्ञान दिया जाता था और आगे बढ़ने का मार्ग दिखाया जाता था. कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की सीसीडीसी प्रो रिमझिम शील ने कहा कि शिक्षकों का चरित्र बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. शिक्षकों के व्यवहार, अनुशासन और समर्पण से ही उनकी अलग पहचान स्थापित होती है. नव नियुक्त शिक्षकों को संबोधित करते हुए कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रोफेसर इंद्रजीत प्रसाद राय ने कहा कि नवनियुक्त शिक्षकों को सम्मानित करके उन्हें अपनी परंपरा से जोड़ने का यह प्रयास सराहनीय है. इससे शिक्षकों के अंदर उत्साह और ऊर्जा का संचार होता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है