राजगीर. राजगीर महोत्सव में इस बार एक विवाद खड़ा हो गया, जब पर्यटन विभाग द्वारा जारी वीवीआईपी पास धारकों को भी प्रशासन ने कार्यक्रम स्थल में प्रवेश देने से इनकार कर दिया. इस अप्रत्याशित घटना ने महोत्सव के अंतिम दिन प्रबंधन और समन्वय पर सवाल खड़े कर दिए हैं. अनिल उपाध्याय, दिनेश कुमार,अजीत कुमार पांडेय व अन्य ने बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा वीवीआईपी मेहमानों के लिए पास जारी किया गया है. लेकिन कार्यक्रम स्थल पर तैनात प्रशासनिक पदाधिकारियों ने उन पासों को मान्यता देने से इनकार कर दिया. पासधारकों को प्रवेश द्वार पर रोक दिया गया, जिससे असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई.घटना के बाद कुछ मेहमानों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “पर्यटन विभाग ने हमें पास दिया था, लेकिन जिला प्रशासन ने बिना किसी स्पष्ट कारण के हमें रोक दिया. यह न केवल हमारी प्रतिष्ठा पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि महोत्सव के आयोजन में तालमेल की कमी को भी उजागर करता है।दूसरी ओर, जिला प्रशासन का कहना है कि सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया. प्रशासनिक अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि सभी पासधारकों की एंट्री सुनिश्चित करना संभव नहीं था, और केवल प्राथमिकता वाले अतिथियों को ही प्रवेश दिया गया. पर्यटन विभाग के अधिकारी ने घटना पर खेद जताते हुए कहा, “हमने पहले से ही जिला प्रशासन को पासधारकों की सूची भेज दी थी. ऐसे में पासधारकों को रोका जाना अनुचित है. यह महोत्सव की साख पर प्रभाव डाल सकता है. “इस विवाद ने राजगीर महोत्सव के समन्वय में कमी और विभिन्न विभागों के बीच बेहतर तालमेल की आवश्यकता को रेखांकित किया है. आयोजकों और जिला प्रशासन के बीच इस मुद्दे पर चर्चा जारी है, और उम्मीद की जा रही है कि आगे के कार्यक्रमों में ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होगी.राजगीर महोत्सव, जो अपनी सांस्कृतिक धरोहर और भव्य आयोजनों के लिए प्रसिद्ध है, इस विवाद के बावजूद बड़ी संख्या में दर्शकों को आकर्षित कर रहा है.
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