लखीसराय. नगर परिषद के साफ-सफाई के संवेदक एनजीओ के सफाई कर्मियों ने मानदेय बढ़ाने को लेकर सोमवार को नप कार्यालय के समक्ष हंगामा किया. इस दौरान एनजीओ के प्रबंधक के खिलाफ नारेबाजी भी की. नप कार्यालय के समक्ष हंगामा करते कर्मियों ने बताया कि वे शहर की गंदगी को साफ-सफाई करते हैं फिर भी सरकार द्वारा न्यूनतम मजदूरी भी उन्हें नहीं मिलती है. सफाई कर्मियों ने बताया कि वर्तमान में उन्हें 412 रुपये प्रतिदिन दिया जा रहा है. जबकि कम से कम 18 हजार प्रतिमाह मिलना चाहिए. पीएफ के नाम पर भी पैसे काट लिये जाते हैं, जबकि पीएफ की राशि साल में एक दो बार ही मिलती है. सफाई कर्मियों के नेता मिथुन कुमार ने बताया कि वे छह दिनों से हड़ताल पर हैं, लेकिन कोई मांग पूरी नहीं हो रही है. कर्मियों ने बताया कि दैनिक मजदूर एवं आदेशपाल, ड्राइवर आदि का मानदेय बढ़ाया गया है, लेकिन उनका मानदेय बढ़ाने के लिए कोई सुनवाई नहीं हो रही है. महंगाई इतनी बढ़ गयी है. बच्चे के लालन पालन के साथ अन्य खर्च भी है. इतना कम मानदेय से खर्च पूरा नहीं हो रहा है.
बोले प्रबंधक
एनजीओ सीबीजीडब्ल्यू के प्रबंधक हिमांशु कुमार ने बताया कि श्रम विभाग द्वारा साफ-सफाई मजदूरों की दैनिक मजदूरी 393 रुपये निर्धारित है. जबकि उनकी कंपनी के द्वारा प्रत्येक कर्मी को प्रतिदिन 412 रुपये के हिसाब से दिया जाता है. इस राशि से 12 प्रतिशत प्रतिदिन काटा जाता है एवं कंपनी की ओर से भी 12 प्रतिशत पीएफ में डाला जाता है. पीएफ जमा होने के बाद 12 से 15 दिन में कर्मियों को मैसेज मिल पाता है. उन्होंने कहा कि नप के मुताबिक एनजीओ को 275 सफाई कर्मी रखना है, जबकि उनके द्वारा तीन सौ सफाई कर्मियों को रखा गया है. सौ कर्मी हड़ताल पर हैं, पर साफ सफाई में कोई परेशानी नहीं हो रही है. शहर की सुबह शाम साफ सफाई की जा रही है.
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