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ranchi news : क्रिसमस पर अंडमान में रातभर चलता है रांची कम्युनिटी का जश्न

ranchi news : अंडमान में बसे रांची कम्युनिटी के लोगों के बीच क्रिसमस का खुमार चरम पर है. क्रिसमस गैदरिंग और कैरोल सिंगिंग हो रही है.

प्रवीण मुंडा. अंडमान निकोबार द्वीप समूह में यह क्रिसमस का समय है. अंडमान में बसे रांची कम्युनिटी के लोगों के बीच क्रिसमस का खुमार चरम पर है. क्रिसमस गैदरिंग और कैरोल सिंगिंग हो रही है. यीशु के जन्मपर्व के गीत गाये जा रहे हैं. घरों में क्रिसमस ट्री सज गये हैं. अब बस इंतजार है 24 दिसंबर यानी आज की अर्धरात्रि का, जब जन्मपर्व की आराधना के साथ ही क्रिसमस की बधाई देने का सिलसिला शुरू होगा. यह नववर्ष तक चलेगा.

वैसे यहां के लोग भी दिसंबर के पहले सप्ताह से ही क्रिसमस की तैयारी में जुट जाते हैं. जीइएल चर्च, अंडमान की महिला समिति की सचिव शशि कुजूर ने कहा कि हमारी तैयारियों की शुरुआत घरों व मोहल्लों को साफ-सुथरा करने से होती है. अंडमान में हमलोग दिसंबर के आते ही अपने-अपने घरों पर स्टार लगाते हैं. यह स्टार यीशु मसीह के आगमन का द्योतक है. स्टार के साथ ही तकरीबन सभी घरों में आकर्षक लाइटिंग भी की गयी है. साथ ही हमलोग घर-घर जाकर क्रिसमस कैरोल्स गाते हैं. क्रिसमस के संदेश देते हैं और एक-दूसरे के बीच खुशियां बांटते हैं.

आधी रात आराधना संपन्न होने के बाद लोग घर नहीं लौटते

शशि कुजूर ने बताया कि वे अंडमान में स्थित नयागांव चर्च जाती है. इस चर्च से तकरीबन 130 परिवार जुड़े हैं. 24 दिसंबर की रात 10 बजे चर्च में आराधना होगी. रेव्ह अनिल टोपनो और सहायक पादरी रेव्ह अमित इमानुएल सोरेंग मिडनाइट सर्विस संपन्न करायेंगे. रात्रि आराधना खत्म होते ही क्रिसमस सेलिब्रेशन की शुरुआत हो जायेगी. शशि ने कहा कि आराधना संपन्न होने के बाद हमलोग घर नहीं लौटते. पूरी रात चर्च के पास स्थित मैदान में लोग मिलकर नाचते हैं. क्रिसमस कैरोल्स गाये जाते हैं. ढोल, झांझर की धुन पर नाचते खुशियां मनाते लोगों का समूह एक अलग ही दुनिया में खो जाता है. लोग सड़कों पर भी कैंडल लेकर आते हैं. एक-दूसरे को जन्मपर्व की शुभकामनाएं देते हैं. अगली सुबह (25 दिसंबर) को फिर से चर्च में आराधना होती है, जिसके बाद हमलोग वापस अपने-अपने घर लौटते हैं. घर आने के बाद हमलोग मिठाई व पकवान एक-दूसरे को देते हैं और फिर जन्मपर्व की बधाइयों का यह सिलसिला चलता रहता है.

कभी अंडमान में रोजगार के लिए गये थे

बता दें कि जीइएल चर्च छोटानागपुर और असम की शाखा अंडमान में भी है. झारखंड और छत्तीसगढ़ से आदिवासियों की कई पीढ़ी पहले अंडमान में काम करने के लिए गयी थी. कई लोग वहीं बस गये. इनमें उरांव, मुंडा और अन्य जातियों के लोग हैं. अंडमान में इन्हें रांची कम्युनिटी कहा जाता है, जिनकी तादाद अच्छी संख्या में है.

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