दानापुर. थाना क्षेत्र के पेठिया बाजार में 21 दिसंबर की रात में हुई अंधाधुंध फायरिंग की गूंज दो दिन बाद भी लोगों के जेहन से नहीं उतर पायी है. घात लगाये बाइक सवार आधा दर्जन अपराधियों ने छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रंजीत कुमार यादव उर्फ दही गोप को गोलियों से छलनी कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया था. जबकि उन्हें बचाने गये विकास उर्फ गोरख की गोली लगने से मौत हो गयी थी.
जबकि रंजीत कुमार यादव पटना के निजी अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. अस्पताल में लाइफ इंडिकेटर मशीन वेडिनेटर पर हैं. ब्रेन क्लिनिकल डेथ हो गया है. वहीं हमले के विरोध में दूसरे दिन भी पेठिया बाजार, सदर बाजार, गांजा रोड, मच्छरहट्टा रोड की दुकानों बंद रहीं.दुकानदारों ने दबी जुबान में बताया कि तोड़-फोड़ के डर से दुकानों को बंद रखे हुए हैं.
बस पड़ाव पर शव की आने की अफवाह से मची भगदड़:
इस वारदात के दो दिन बीच जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. छापेमारी व गिरफ्तारी का दावा पेश करने वाली पुलिस अब तक इस मामले में शिथिल ही नजर आ रही है.
पेठिया बाजार में मातमी सन्नाटा पसरा है कई घरों में चूल्हा तक नहीं जला है. इस बीच रविवार की देर शाम बीबीगंज व बस पड़ाव पर शव आने की अफवाह पर भगदड़ मच गयी और मेन रोड की दुकानों के शटर गिर गये.सोमवार को सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे बस पड़ाव पर भगदड़ मच गयी और ऑटो चालक गाड़ी लेकर भागने लगे साथ ही लोग भी डर से भागने लगे.
वहीं पूर्व सांसद रामकृपाल यादव ने अस्पताल में जाकर जख्मी रंजीत की पत्नी प्रियंका कुमारी से मुलाकात कर सांत्वना दी और कहा कि रंजीत समाजसेवी था. उन्होंने डीजीपी से अपराधियों की गिरफ्तारी करने की मांग की है.एएसपी भानू प्रताप सिंह ने बताया कि अभी तक हत्या के कारणों का पता नहीं चला है. जख्मी रंजीत व मृतक गोरख के परिजनों द्वारा अभी तक लिखित शिकायत नहीं की गयी है.
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