Jamshedpur News :
प्रख्यात फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल का जमशेदपुर कई बार आना-जाना होता रहा है. श्याम बेनेगल द्वारा टाटा स्टील के 75 साल पूरे होने पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनायी गयी थी. इसकी शूटिंग करने के लिए भी वे जमशेदपुर आये थे. टाटा स्टील की ओर से 75 साल पूरे होने पर बनायी गयी फिल्म के लिए कई निर्देशकों का पैनल तैयार किया गया था, लेकिन वर्ष 1983 में उनका ही चयन हुआ और उनसे ही टाटा स्टील द्वारा फिल्म बनवायी गयी. 75 साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी आये थे. उसके बाद उन्होंने फिल्म को तैयार किया था. इसकी शूटिंग के लिए वे करीब एक माह तक आना-जाना करते रहे थे. इस फिल्म की शूटिंग करने के दौरान उन्होंने कई लोगों से भी मुलाकात की थी. इसके बाद वे 1995 में भी शहर आये थे. वे यहां के कई कलाकारों से भी मिले थे. टाटा स्टील के आर्काइव के मुताबिक, टाटा स्टील के 75 साल पूरे होने पर बनायी गयी फिल्म का नाम टाटा स्टील : 75 इयर्स ऑफ दी इंडियन स्टील इंडस्ट्री था. इस फिल्म को औद्योगिक जगत में हाथों-हाथ लिया गया था.90 के दशक में इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में शामिल होने आये थे शहर
फिल्म निर्माता-निर्देशक श्याम बेनेगल का माया नगरी के साथ-साथ लौहनगरी जमशेदपुर से भी गहरा नाता रहा. 90 के दशक में सैल्यूलाइड चैप्टर की ओर से आयोजित इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में उन्होंने शिरकत की थी. सैल्यूलाइड चैप्टर के अमिताभ घोष ने बताया कि वर्ष 1994 या 1996 में वे फिल्म फेस्टिवल में आये थे. यह फिल्म फेस्टिवल रबींद्र भवन साकची में हुआ था. यहां के सिने जगत से जुड़े कई लोग उनसे रू-ब-रू हुए थे. बिष्टुपुर स्थित एसएनटीआइ ऑडिटोरियम में आयोजित एक कार्यक्रम में भी श्याम बेनेगल आये थे.””””विश्व सिनेमा कुछ अनमोल रत्न”””” में ””””भूमिका”””” की चर्चा
सिने समीक्षक विजय शर्मा बताती हैं कि रबींद्र भवन साकची में सैल्यूलाइड चैप्टर की ओर से आयोजित इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में उनकी फिल्म भूमिका दिखाई गयी थी. वैसे विजय शर्मा ने वर्ष 2017 में अनुज्ञा प्रकाशन से आयी अपनी पुस्तक ””””विश्व सिनेमा कुछ अनमोल रत्न”””” में श्याम बेनेगल की फिल्म भूमिका के बारे में लिखा है. पुस्तक के 79 पृष्ठ पर ””””भूमिका”””” का जिक्र है. जिसमें वह कहती हैं कि श्याम बेनेगल दर्शकों तक अपनी बात सिनेमा की भाषा में पहुंचाते हैं. दरअसल भूमिका मराठी की एक प्रसिद्ध फिल्म और रंगमंच की अभिनेत्री के जीवन पर आधारित बायोपिक है. जिसमें एक महिला को काफी स्ट्रॉन्ग दिखाया गया है. फिल्म में यह भी दिखाया गया है कि अभिनय की दुनिया से जुड़ी इस महिला की घर की स्थिति कैसी है. विजय शर्मा को फिल्म भूमिका पर महात्मा गांधी हिंदी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय वर्धा और वसंत कॉलेज वाराणसी में व्याख्यान देने का अवसर भी मिला. बहरहाल, सैल्यूलाइड चैप्टर से जुड़े स्वप्न कुमार दास, शुभोजीत घोष को भी श्याम बेनेगल से मिलने का मौका मिला. वे बताते हैं कि रबींद्र भवन में उनकी अंकुर, निशांत और भूमिका फिल्म दिखायी गयी थी. जिसमें शहरभर से लोग आये थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है