90 वें और 91 वें राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की संयुक्त बैठक 27 दिसंबर को संवाददाता,पटना धीरे-धीरे बैंकों का बिहार के लोग और उद्यमियों को कर्ज देने के मामले में बदल रहे नजरिया बदल रहा है.इस कारण से राज्य के साख-जमा(सीडी) अनुपात में बढ़ोतरी हो रही है.वर्ष 2023-24 में राज्य का औसत साख जमा अनुपात बढ़कर 58.71 फीसदी हो गया है, जबकि चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर 59 फीसदी होने की संभावना है. हालांकि, यह अब भी राष्ट्रीय औसत 76.70 फीसदी से कम है. पिछले कुछ साल में राज्य सरकार की बेहतरीन निवेश नीति यथा औद्योगिक प्रोत्साहन नीति,इथेनॉल नीति और पर्यटन नीति के कारण बड़े निवेशकों ने बिहार की ओर रुख किया है.10-12 बड़ी कंपनियां इथेनॉल प्लांट लगाने के लिए आयीं और बैंकों ने इन कंपनियों को ऋण भी दिये.इसके बाद राज्य का साख जमा अनुपात में सुधार हुआ.सीडी अनुपात को लेकर राज्य सरकार का रवैया काफी सख्त है.राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति(एसएलबीसी) की बैठक में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाता रहा है.27 दिसंबर को होने वाली राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में इस पर विचार किया जायेगा.पूर्णिया का सीडी अनुपात सबसे अधिक,मुंगेर का सबसे कम राज्य का एकमात्र जिला पूर्णिया है,जिसका साख जमा अनुपात राष्ट्रीय औसत से अधिक है. पूर्णिया का साख जमा अनुपात 93.25 फीसदी है जो राष्ट्रीय औसत तकरीबन 13.55 फीसदी अधिक है. वहीं, मुंगेर का सीडी औसत सबसे कम करीब 34.44 फीसदी है. राज्य के 17 जिलों को सीडी औसत 45 से 60 फीसदी के बीच है. राज्य का साख जमा अनुपात वर्ष जमा साख अनुपात 2019-20 371783 159987 43.03 % 2020-21 396471 183973 46.40 % 2021-22 431417 228480 52.96% 2022-23 466583 250375 55.64% 2023-24 501747 290347 58.71% (राशि करोड़ में )
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