संवाददाता, पटना एडीजी एसटीएफ अमृत राज ने बताया कि वर्ष 2024 में 53 वांछित और 11 इनामी के अतिरिक्त 58 अन्य नक्सलियों की गिरफ्तारी की गयी है. इसके साथ ही एक पुलिस राइफल सहित 24 हथियार, 2452 कारतूस, 554 डेटोनेटर, 151 बारूदी सुरंगें/केन बम एवं 148 किग्रा विस्फोटक पदार्थ की बरामदगी हुई है. उन्होंने बताया कि नक्सलियों को आर्थिक चोट पहुंचाने को लेकर उनके द्वारा अपराध के माध्यम से अर्जित की गयी संपत्तियों की जब्ती की कार्रवाई में भी तेजी लाई गयी है. यूएपीए एक्ट के प्रावधानों का उपयोग कर वर्ष 2012 से अब तक 32 मामलों में नक्सलियों के 6.75 करोड़ रुपयों की चल-अचल संपति जब्त की जा चुकी है. इसके साथ ही पीएमएलए के प्रावधानों का उपयोग कर 14 मामलों में 8.97 करोड़ रुपयों की नक्सलियों की चल-अचल संपति की जब्ती हेतु प्रवर्तन निदेशालय (इडी) को प्रस्ताव भेजा गया है, जिसमें करीब 4.93 करोड़ रुपयों की चल-अचल संपति जब्त कर ली गयी है. संपत्ति जब्त होने से उनके संगठन क्षमता का सीधा ह्रास हुआ है. इसके साथ हीं अन्य माओवादियों के संपत्ति का भी पता लगाया जा रहा है, ताकि उनके विरुद्ध भी संपत्ति राज्यसात की कार्रवाई की जा सके. नक्सल कांडों की मॉनिटरिंग को सीआइडी में अलग समिति गठित एडीजी ने बताया कि अफीम की अवैध खेती माओवादियों के वित्त पोषण का प्रमुख स्रोत रहा है. वर्ष 2024 में 2523.40 एकड़ पर हो रहे अफीम की अवैध खेती को विनष्ट किया गया. वहीं, 2020 से 2024 के बीच अब तक 56,61,380 रुपये अवैध लेवी की रकम भी बरामद की गयी. उन्होंने बताया कि महत्वपूर्ण नक्सल कांडों के अनुसंधान एवं अभियोजन के मॉनीटरिंग को लेकर सीआइडी के अंतर्गत एक समिति का गठन किया गया है. यह समिति यूएपीए के अंतर्गत दर्ज महत्वपूर्ण कांडों के अनुसंधान की मॉनीटरिंग कर रही है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है