संवाददाता, पटना : पटना सहित पूरे बिहार के अधिकतर सरकारी अस्पतालों की लैब में जांच कराने में मरीजों को परेशानी रही है, क्योंकि अधिकतर जगहों पर लैब टेक्नीशियन के पद खाली हैं. इसके कारण मरीजों को मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में रेफर कर दिया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग व स्वास्थ्य मंत्री की ओर से लैब टेक्नीशियन के 2969 पदों पर नियुक्ति की घोषणा की गयी थी. लेकिन, आज तक यह नहीं हो पायी. कोरोना काल में लैब टेक्नीशियन के पद पर बहाल कर्मियों का सेवा विस्तार नहीं होने व खाली पदों पर बहाली नहीं करने से कर्मियों में रोष है.
चार साल नौकरी के बाद सेवा कर दी गयी थी समाप्त
कर्मियों की मानें, तो कोरोना के दौरान संविदा पर प्रयोगशाला प्रावैधिक के 982 पदों पर नियुक्ति की गयी थी. चार साल से लगातार काम करने के बावजूद छह महीने पहले इसी वर्ष जून माह में इन सभी कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गयी थी. ये सभी कर्मी पिछले छह महीने से स्वास्थ्य विभाग के फैसले का इंतजार कर रहे थे. लेकिन, अब तक इनकी नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि सभी कर्मचारी गर्दनीबाग धरना स्थल पर दो महीने से बहाली की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे. कर्मचारी यूपी, हरियाणा समेत अन्य राज्यों के तर्ज पर 60 वर्ष तक नियमित सेवा विस्तार की मांग कर रहे हैं. बिहार पारा मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष भारत भूषण ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने लैब टेक्नीशियन के 2669 पदों पर बहाली की घोषणा की थी. तकनीकी सेवा आयोग को विभाग ने अधियाचना भेज दी थी. लेकिन आज तक यह विज्ञापन नहीं निकल सका है.
जल्द भरे जायेंगे पद
सिविल सर्जन मिथलेश्वर कुमार ने बताया कि लैब टेक्नीशियन समेत अन्य पदों पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है. जल्द ही खाली पदों को भर दिया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है